वेतन विसंगति दूर करने शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने दिया केंद्रीय वेतनमान और क्रमोन्नति का फार्मूला…दुबे ने कहा… हंगामा नहीं समाधान चाहिए…

रायपुर। शालेय शिक्षाकर्मी संघ की प्रांतीय बैठक राजधानी में आहूत की गई। बैठक में जिला और राज्य पदाधिकारी सम्मलित हुए। प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे की अध्यक्षता में सम्पन्न इस बैठक में समस्त जिलाध्यक्षों ने अपनी बात रखी, साथ ही एलबी संवर्ग और पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की वर्तमान समस्याओं को भी इस बैठक में रखा गया। अनुकम्पा नियुक्ति,वेतन विसंगति, वर्षबन्धन, क्रमोन्नति, पुराना पेंशन जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा की गई। आज तक कि स्थिति में 8 वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का संविलियन प्रक्रिया जल्द प्रारंभ करने, राजपत्र प्रकाशन,संस्था प्रधान व अन्य पदों पर पदोन्नति की मांगों की चर्चा की गई।
बैठक में उपस्थित जिलाध्यक्षों ने समवेत स्वर में एकराय बनाते हुए कहा कि शालेय शिक्षाकर्मी संघ हमेशा शिक्षाकर्मी हित में कार्य किया है और एकजुट होकर लडऩे का पक्षधर रहा है। इतिहास गवाह है जब-जब हमने एकजुट होकर संघर्ष किया है। बड़ी सफलताएं हाथ लगी है। वर्गवाद अथवा अलग अलग लडऩे से केवल ऊर्जा व समय नष्ट होता है,सफलता की जगह उल्टे नुकसान उठाना पड़ता है। शिक्षाकर्मियों के बिखराव का लाभ शासन उठाते रहेगी और इसी तरह नजरअंदाज करते रहेगी। अत: शालेय शिक्षाकर्मी संघ का स्पष्ट मत है कि वह एकजुट होकर किए जाने वाले हर संघर्ष के साथ है।
प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें हंगामा नहीं समाधान चाहिए और समाधान तभी सम्भव है जब सब पुन: मिलकर संघर्ष करें। नवगठित सरकार भी अपने किए वायदों को जल्द पूर्ण करें। लम्बित अनुकम्पा नियुक्ति और समस्त शिक्षाकर्मियों का संविलियन अतिशीघ्र होना चाहिए। वेतन विसंगति दूर करने का एक ही फार्मूला है कि प्रदेश के समस्त शिक्षक(एलटीएलबी) को अन्य राज्यों की तरह केंद्रीय वेतनमान प्रदान किया जाए। जिसमें सहायक शिक्षक को 9300-34800 में ग्रेड पे 4200, शिक्षक को ग्रेड पे 4600 एवं व्याख्याता को 4800 ग्रेड पे देय होता है, अधिकांश प्रदेश अपने शिक्षकों को उपरोक्त वेतनमान प्रदान कर रहा है। छत्तीसगढ़ में इसे जल्द लागू किया जाना चाहिए। एक ही पद पर कई वर्षों के पदस्थ पदोन्नति वंचित शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाना चाहिए। अंशदायी पेंशन योजना में अनेक खामियां है अत: पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुन: प्रारम्भ करना चाहिए।
उपरोक्त मांगों की पूर्ति जल्द से जल्द छग शासन द्वारा किया जाए, अन्यथा शिक्षाकर्मियों में आक्रोश पनपते जाएगा जिसका खमियाजा पूर्ववर्ती सरकारों को उठाना पड़ा है। हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हमारी इन समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करेंगे।
प्रान्तीय बैठक को चन्द्रशेखर तिवारी,विष्णु शर्मा, जितेन्द्र शर्मा, गजराज राजपूत, सत्येन्द्र सिंह, दीपक वेंताल, दिनेश राजपूत, हिमन कोर्राम, कैलाश रामटेके,रवि मिश्रा,राजेश शर्मा,अब्दुल आरिफ खान आदि ने सम्बोधित किया।
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