छत्तीसगढ़

कैंसर के मरीजों को अब बाहर जाने की जरूरत नहीं…आंबेडकर अस्पताल में होगा सस्ता और बेहतर उपचार…35 मिनट में पता चल जाएगा बीमारी की मुख्य वजह…कैंसर की अत्याधुनिक जांच सुविधा मई से…

रायपुर। कैसर के मरीजों को अब बाहर जाने की जरुरत नहीं है। राजधानी के डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल सस्ता और अत्याधुनिक सुविधा देने वाली है। एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलने वाली है। अस्पताल के कैंसर विभाग में कैंसर की जांच के लिए पोजीट्रान एमिशन टोमोग्राफी (पेट/पीईटी) स्कैन मशीन इंस्टॉल की जा चुकी है।

इस मशीन के जरिए मात्र 35 मिनट में ही पेट की स्कैन हो जाएगी और बीमारी की मुख्य वजह का पता चल जाएगी। जिससे उपचार भी शीर्घ ही शुरू हो जाएगा। एक दिन में 50 से अधिक मरीजों की जांच की जा सकती है। यह मशीन सीटी स्कैन और एमआरआई से अधिक एडवांस है। यह सटीकता से बीमारी को डायग्नोस करती है।



मशीन के जरिए स्कैनिंग से साफ हो जाता है कि आखि कैंसर की मुख्य वजह क्या है। कहां और कितना फैल चुका है। मेडिकल की भाषा में कहें तो इसके इस्तेमाल से बॉयोलॉजिकल का पता चलता है। रेडियोथैरेपिस्ट पेट स्कैन रिपोर्ट के आधार पर बेहतर ढंग से इलाज कर सकते हैं। मई में मशीन से सेवा शुरू कर दी जाएगी।

मशीन की खरीदी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन (सीजीएमएससी) से हुई है। जबकि ये पीपीपी मोड पर ऑपरेट होनी है। इसके लिए आंबेडकर अस्पताल प्रबंधन ने लैब इंडिया हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड से 8 सालों के लिए अनुबंध किया है।



पीपीपी मोड की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई। क्योंकि कुशल स्टाफ की भर्ती से लेकर वेतन का खर्च अधिक है। इसके लिए समय लगेगा। अब एक ही छत के नीचे कैंसर की थैरेपी से लेकर सर्जरी तक की संपूर्ण सुविधा मौजूद है।

स्मार्ट कार्ड से जांच मुफ्त
शहर के तीन नजी अस्पताल में पेट स्कैंन मशीन है, लेकिन किसी भी सरकारी अस्पताल में पहली मशीन का इंस्टॉलेशन हुुआ है। निजी अस्पतालों में जांच का खर्च 15 से 20 हजार तक है। आंबेडकर अस्पताल में अबी दर निर्धारित नहीं हुआ है। सूत्र बताते हैं कि 10 हजार के अंदर होगा। स्मार्ट कार्ड, बीपीएल कार्ड धारी मरीजों की जांच मुफ्त होगी





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क्या है पेट स्कैन
पेट या पेट स्कैन एक विशेष रेडियोलॉजी मेथड है इसका इस्तेमाल शरीर में कुछ प्रकार की स्थितियोंं का पता लगाने एवं ऊकतों की जांच में होता है। सीरिंज के जरिए मरीज को रेडियो इसीटोप इंजेक्शन लगाकर मशीन में लेटाकर स्कैन किया जाता है। रेडियोएक्टिव पदार्थ को अंदरूनी अंग या ऊतक उठा लेते हैं। जो क्षेत्र अधिक ऊर्जा का उपयोग करते हैं वह इसे ज्यादा अवशोषित करते हैं। कैंसर की कोशिकाएं बहुत अधिक मात्रा में रेडिएक्टिव पदार्थ अवशोषित करती है। फिर मशीन मशीन इसे इमेज में कन्वर्ट कर कंप्यूटर पर डिस्प्ले करती है।

जांच के नतीजे बेहतर
लिम्फोमा, बैन कैंसर, गले का कैंसर, सिर और गर्दन का कैंसर, लंक कैसर, पौरूष ग्रंथि के कैंसर का डिटेक्शन भी इसी मशीन से होता है। शुरुआती चरणों में सीटी स्कैन व एमआईआई के मुकाबले बेहतर नतीजे देती है।



ओपीडी…
अस्पताल के कैंसर विभाग की सलावा ओपीडी 50 हजार से अधिक है। रेडियो थैरेपी के साथ ओंकोसर्जरी यूनिट भी संचालित है। दो हजार से अधिक कैंसर सर्जरी हो चुकी है। एक भवन कैंसर विभाग के रूप में विकसित किया जा रहा है।

गामा कैमरा…
यह मशीन अल्ट्रासाउंड की एडवांस तकनीकी है। इसके जरिए शरीर के किसी भी अंग को स्कैन किया जा सकता है। हार्ट में ब्लड पंपिंग से लेकर किडनी ब्रेन तक को मशीन मुवेबल यानी कि मरीज अगर मशीन तक नहीं आ सकता है तो मशीन को मरीज तक ले जाया जा सकता है।

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