होली का त्यौहार वैसे तो रंगों का त्यौहार ही माना जाता है। इस त्यौहार पर लोग खूब मौज मस्ती के साथ रंगों से एक-दूसरे को सराबोर करते हैं। पर होली भी अलग-अलग तरह से मनाई जाती है। कहीं टमाटरों की होली खेलते हैं तो कहीं सिर्फ फूलों की होली खेली जाती है।
लेकिन हम आपको यहां बता रहे हैं…एक ऐसी होली के बारे में जहां रंगों का उपयोग तो नहीं के बराबर होता है और जो भी रंगों से होली खेले तो उसे शादियां करनी पड़ती है। तो यहां होली खेलते कैसे हैं… चलिए हम आपको बता दें…यहां होली सिर्फ पानी से ही खेला जाता है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, झारखंड के जमशेदपुर के आदिवासी बहुल इलाकों में रविवार रात से ही पानी की होली खेली जा रही है। आदिवासी समाज में मान्यता है कि अगर कोई लडक़ा या लडक़ी रंग की होली खेलता है और एक-दूसरे पर रंग डालता है, तो उन्हें आपस में शादी करनी पड़ती है. ये प्रथा सदियों से इस समुदाय में प्रचलित है।
अपनी प्रथा को कायम रखते हुए यहां के आदिवासी रंग की जगह पानी की होली खेलते हैं. ढोल-बाजे के साथ लडक़ा-लडक़ी, नाचते-गाते एक दूसरे पर पानी डालते हैं. इस बात का कोई विरोध भी नहीं करता है। रात को नाचते-गाते और पानी डालते लडक़े-लडक़ी एक दूसरे पर सुबह तक पानी की होली खेलते हैं।
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