जनवरी के अंत में, गुजरात सरकार ने सभी जिला प्रशासकों से राज्य भर के सभी स्कूल परिसरों में लोकप्रिय PUBG मोबाइल गेम को बैन करने के लिए कहा था। गेम को बैन किए जाने की मुख्य वजह ये थी कि बच्चों पर ये नकारात्मक प्रभाव डाल रहा था। साथ ही बच्चों में इसकी लत भी बढ़ती जा रही थी, जिससे उनका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था।
अब राजकोट सिटी पुलिस ने ट्विटर पर ये घोषणा की है कि 9 मार्च से 30 अप्रैल तक शहर में PUBG मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। चूंकि ये अवधि शैक्षणिक वर्ष का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां 10 वीं और 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर राजकोट शहर पुलिस आयुक्तालय की ओर से कहा गया है कि यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है, तो राजकोट सिटी पुलिस एक्ट के अधिकार के तहत, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम, 1973 की धारा 144 (1974 का अधिनियम 1) और गुजरात पुलिस अधिनियम की धारा 37 (3) के अनुसार कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
यहां तक कि सूरत जिला प्रशासन ने भी इसी तरह की कार्रवाई की है और ऊपर दी गई जानकारी के अनुसार ही उस अवधि के लिए 9 मार्च से PUBG मोबाइल का पूर्ण प्रतिबंध लागू किया है। साथ ही आपको बता दें टीनएज सुसाइड ऑनलाइन गेम मोमो चैलेंज को पर भी राजकोट पुलिस ने प्रतिबंध लगाया है। हालांकि PUBG को लेकर पैरेंट्स ज्यादा परेशान हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2018 के अंत तक, PUBG मोबाइल से प्रभावित युवाओं के 120 से अधिक मामलों को बेंगलुरु के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) में सर्विसेज फॉर हेल्दी यूज ऑफ टेक्नोलॉजी (SHUT) क्लिनिक में भर्ती कराया गया था।
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