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Startup Companies जुटा रहीं थी फंड, पड़ गया महंगा, जानिए इनकम टैक्स ने क्यों थमाया नोटिस ?…

फंडिंग की कमी से जूझ रही स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक और बुरी खबर है. आयकर विभाग ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग पाने वाली स्टार्टअप कंपनियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी विभाग (IT department) ने वित्त वर्ष 2019 से 2021 के बीच मिली फंडिंग को लेकर कई स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न स्टार्टअप कंपनियों को नोटिस भेजा है. इसमें निवेश की प्रकृति और स्रोत के बारे में जानकारी देने को कहा गया है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग पाने वाले सभी छोटे और यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स को आयकर विभाग से नोटिस मिला है. हालांकि स्टार्टअप फंडिंग की कुल संख्या की सूचना आयकर विभाग को मिली है, लेकिन अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है.

 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ये नोटिस इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 68 के तहत भेजे हैं. इस अधिनियम के माध्यम से विभाग उन निधियों की जानकारी मांगता है जिनके स्रोत की जानकारी नहीं दी गई है. इस खंड का उपयोग फंडिंग के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है.

 

स्टार्टअप की जानकारी

 

गौरतलब है कि आईटी विभाग ने इस नोटिस में स्टार्टअप कंपनियों से विदेशी निवेशकों की स्थानीय होल्डिंग, मूल्यांकन और निवेशकों से जुटाई गई रकम के इस्तेमाल की जानकारी मांगी है. विभाग द्वारा फंड की राउंड ट्रिपिंग के बढ़ते चलन को देखते हुए आईटी विभाग ने इन विवरणों को जानने के लिए नोटिस भेजा है.

 

राउंड ट्रिपिंग को देखते हुए एनआरआई पर भी एंगल टैक्स के प्रावधान लागू किए गए हैं। एक विनियमित इकाई होने के नाते, सॉवरेन वेल्थ फंड, पेंशन फंड और सेबी के साथ पंजीकृत पोर्टफोलियो निवेशकों को एंजेल टैक्स से छूट दी गई है.

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