Breaking Newsछत्तीसगढ़सियासतस्लाइडर

3 दिनों तक चली बैठक के बाद भी नहीं हो सका बजट पारित…नोक-झोक, झूमा-झटकी के बीच स्थगित…संभागायुक्त व शासन के शरण में जाएंगे सतापक्ष…

दुर्ग। नगर पालिक निगम के बजट बैठक 3 दिनों तक चली चर्चा के बाद भी पारित नहीं हो पाया। तीसरे दिन मंगलवार को पक्ष-विपक्ष पार्षदों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर तीखी नोक-झोक व झूमा झटकी हुई। इस बीच सभापति नारायणी ने अनिश्चितकाल तक बैठक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

बजट पारित नहीं हो पाने पर सतापक्ष ने विपक्षी कांग्रेस पार्षदों तथा सभापति पर आरोप लगाते हुए कहा कि 6 एजेन्डों पर 3 दिनों में चर्चा नहीं करा पाना गैर जिम्मेदाराना के साथ निगम की फिजूर खर्ची हैं।

सताधारी पार्षदों ने आरोप लगाया कि 3 दिनों तक चली बैठक संवैधानिक नहीं है। विपक्षी पार्षद बहुमत का नाजायज फायदा उठा रही हैं। एमआईसी प्रभारी शिवेन्द्र सिंह परिहार ने कहा कि अब हम बैठक का बहिष्कार करेंगे तथा शासन व संभागायुक्त के शरण में जाएंगे। वहीं एमआईसी प्रभारी दिनेश देवांगन ने कहा कि विपक्षी पार्षदों ने सदन का तीस घंटा समय खराब किया है।



बैठक को स्थगित करते हुए सभापति राजकुमार नारायणी ने कहा कि नियम के तहत तीन दिन तक चर्चा कराने के बाद चर्चा पूरी नहीं हो पाई अब संभागायुक्त से दिशा-निर्देश लेंगे। फिर अधूरी चर्चा पूरी की जाएगी।

नगर निगम की बजट बैठक मंगलवार को तीसरे दिन भी चली। 1 मार्च को महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट सदन में पेश किया था। बजट में करीब 3.44 अरब की आय व 4.03 अरब की व्यय का प्रावधान किया गया है। समयाभाव के कारण स्थगित बजट बैठक मंगलवार को दोपहर 12 बजे आदित्य नगर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे मंगल भवन में सभापति राजकुमार नारायणी की अनुमति से पुन: प्रारंभ हुई।

बैठक में पहले बजट की विभागवार चर्चा की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चर्चा शुरू हो पाती इसके पहले विपक्षी कांग्रेस पार्षदो ने बजट को आंकड़ों का मायाजाल व त्रुटिपूर्ण बताते हुए सदन में सत्तापक्ष को जमकर घेरा।



विपक्ष पक्ष के आरोपो से सत्तापक्ष बार-बार निरूत्तर होते नजर आया। जिस वजह से सदन में शोरशराबे का आलम बना रहा। कांगेस के वरिष्ठ पार्षद आरएन वर्मा ने बजट को पूर्णत: काल्पनिक बताया है।

उन्होंने कहा कि बजट को अनुमानों में नहीं आंकड़ों में तैयार किया जाना चाहिए। पूर्व के बजट में भी शहरवासियों को कई सपने दिखाए गए हैं, जो आज तक पूरे नहीं किए गए हैं। महापौर द्वारा अपने कार्यकाल में करीब 17 अरब के बजट पेश किए जा चूके हैं, लेकिन शहर जैसे पूर्व की स्थिति में था, उससे भी ज्यादा शहर की स्थिति बद्त्तर हो गई है। यह दुर्भाग्य का विषय है। श्री वर्मा ने शंकरनाला निर्माण को जल्द पूरा करवाने के अलावा लावारिस कुत्तों के लिए व्यवस्था करने से संबंधित सुझाव दिए।

वरिष्ठ पार्षद अब्दुल गनी ने बजट पर चर्चा करते हुए सदन में बजट के आंकड़ो की त्रुटियाँ गिनवाई। श्री गनी ने कहा कि स्थापना व्यय को बजट में शून्य दिखाया गया है और निगम कर्मचारियों के वेतन व यात्रा भत्ता के लिए लाखों रूपए का प्रावधान किया गया है।



कर्मचारियों का वेतन तय होता है, इसलिए वेतन के वास्तविक आंकड़े दिखाने चाहिए। नगर निगम बजट में वास्तविक आंकड़े देने से क्यों डरती है। यह समझ से परे हैं। श्री गनी ने एक ही व्यय को दो विभागों में शामिल करने पर सदन में जोरदार आपत्ति दर्ज करवाई।

उन्होंने कहा कि बजट में वास्तविक आंकड़ा प्रस्तुत करने पर ही शहर की भलाई होगी। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि नगर निगम बजट के अनुसार कार्य नहीं करती है। जिसका परिणाम विस चुनाव में सामने आ चूका है। अब तक 17 अरब के बजट पेश किए जा चूके हैं, शहर को स्मार्टसिटी बन जाना था, लेकिन शहर विकास से कोसो दूर चला गया है।
WP-GROUP

पार्षद प्रकाश गीते ने बजट पर विभागवार चर्चा करते हुए प्रतिभावान विद्यार्थियों व खिलाडिय़ों के सम्मान का मुद्दा उठाया। पार्षद हमीद खोखर ने बजट को कॉपीराईट बताया और इसके खिलाफ कार्यवाही करने पर जोर दिया। इसके अलावा श्री खोखर ने शहर में बन कर तैयार खड़े निगम कांपलेक्सों के दुकानों को युवा बेरोजगार युवको को कम दरों पर आवंटन की बात कही।

विपक्ष कांग्रेस के पार्षद बजट के त्रुटियों पर संशोधन के लिए लगातार दवाब बनाए हुए थे। इस बीच लोक कर्म विभाग प्रभारी दिनेश देवांगन से पोटिया वार्ड के पार्षद अनुप चंदनिया ने जवाब मांगते हुए कहा कि 56 लाख की सांस्कृतिक भवन तीन बार टेंडर होने के बाद भी क्यों नहीं बन पाया और विभाग अधिकारियों का जवाब है स्थल नहीं होने के कारण रोका गया है।

जबकि वहां प्रर्याप्त जगह हैं। जिस पर पीडब्ल्यूडी प्रभारी दिनेश देवांगन ने जवाब देने के बजाए बाजू वार्ड पोटिया की पार्षद सविता साहू को सामने कर पक्ष रखने की बात कही गई। इस पर विपक्षी पार्षद आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि प्रभारी ही जवाब दे इस बीच सविता साहू अपनी बात कहती रही सभापति नारायणी के मना करने के बाद भी वह नहीं मानी और सदन में शोरगुल व हंगामा होने लग गया।



इस बीच कांग्रेस पार्षद कन्या ढीमर एवं सविता साहू के बीच नोक-झोक के साथ झूमा झटकी भी हो गई और पूरा सदन में पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप व नारेबाजी करते रहें। इसबीच सभापति नारायणी ने अनिश्चितकाल तक सदन स्थगित करने की घोषणा कर दी।

बैठक में महापौर चंद्रिका चंद्राकर, एमआईसी प्रभारी, प्रवीर मोहन सिंह, पिंटू, शिवेन्द्र सिंह परिहार, नेता प्रतिपक्ष लिखन साहू, पार्षद दिनेश देवांगन, राजकुमार वर्मा, सुरेन्द्र सिंह राजपूत, अरूण सिंह, दीपक साहू, अजय दुबे के अलावा अन्य पार्षद व निगम अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

यह भी देखें : 

नक्सली मनाएंगे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस…टांगें पर्चे…

Back to top button
close