
पाकिस्तान की हिरासत से बाघा बार्डर के रास्ते भारत पहुंचे वायुसेना के मिग 21 के फाइटर पायलट अभिनन्दन वर्धमान अगले दो महीने तक लड़ाकू विमान नहीं उड़ा सकेंगे। इसके अलावा संवेदनशील फाइलों और जानकारियों से भी उनको दूर रखा जाएगा। इस अवधि में वायुसेना का इंटेलिजेंस और विजिलेंस विभाग उन पर कड़ी नजर रखेगा। इस परीक्षा में खरा उतरने के बाद ही अभिनन्दन वापस मिग 21 बाइसन की पायलट सीट पर बैठ पाएंगे।
भारत सहित पूरी दुनिया की सेनाओं में यह मानक फिक्स है कि जब भी उनका कोई सैनिक दुश्मन देश की कैद से छूट कर आता है तो उसकी पूरी मेडिकल जांच की जाती है। ये जांच सामान्य नहीं होती। स्वास्थ्य की रूटीन जांच करने के बाद वायुसेना अभिनन्दन को अपने उस केन्द्र में ले जाएगी जहां पर पूरे शरीर को स्कैन करने की मशीनें हैं।
इन मशीनों से अभिनन्दन के शरीर से पूरे कपड़े उतारकर यह जांच की जाएगी कि दुश्मन ने कहीं उनके शरीर में किसी तरह का कोई उपकरण तो फिट नहीं कर रखा है। यहां तक कि उनके शरीर के गुप्त अंगों की भी सूक्ष्म जांच की जाएगी। फिर उनसे मशीनों के माध्यम से ही पूछताछ होगी। इसके बाद उन्हें घर भेज दिया जाएगा।
एक सप्ताह की छुट्टी के बाद अभिनन्दन ड्यूटी पर तो लौट आएंगे लेकिन उन्हें विमान उड़ाने का काम नहीं दिया जाएगा। दो माह तक लगातार नजर रखे जाने के बाद दोनों विभाग अपने अधिकारियों को पाजिटिव रिपोर्ट भेजेंगे, उसके बाद ही वे फिर से पायलट सीट पर बैठ पाएंगे।
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