
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की एक होनहार छात्रा ने केले के छिलके का इस्तेमाल कर सेनेटरी पेड बनाने का कारनामा कर दिखाया है। छात्रा रीना अब जापान में अपने नवाचार (इनोवेशन) का प्रदर्शन करेगी। कोरबा के एक सरकारी स्कूल की छात्रा रीना का चयन सकूरा एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए हुआ है।
वह जापान में एक जापानी परिवार के साथ पांच दिन रहेगी। वहां वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों और शिक्षाविदों से अपने विचार साझा करेगी। वहां के शोध-अनुसंधान और शिक्षा प्रणाली के बारे में जानेगी। शिक्षा विभाग के अनुसार उनके मॉडल की प्रस्तुति उनके करियर में मददगार साबित होगी।
बॉलीवुड की मूवी पेडमैन को पूरी दुनिया ने देखा था और इसकी सराहना भी की थी, लेकिन फिल्म से करीब तीन साल पहले से ही कोरबा के स्याहीमुडी में रहने वाली छात्रा रीना राजपूत ने अपना आविष्कार प्रारंभ कर दिया था। उस समय रीना कक्षा 9वीं में पढ़ती थी।
विज्ञान में रूचि रखने वाली रीना ने जब देखा की केले का पत्ता पानी सोख रहा है तो उसे जिज्ञासा हुई कि इसका हम क्या उपयोग कर सकते है। रीना की जिज्ञासा को देखकर उसके स्कूल की प्राचार्या फराहाना अली उसके लिए मार्गदर्शक बनी और प्राचार्या की मदद से उसने इको फ्रेंडली सेनेटरी पेड का निर्माण किया।
अब अपने इसी खोज को लेकर इन्सपायर अवार्ड मानक योजना के तहत 11वीं की छात्रा रीना राजपूत ने आइआइटी दिल्ली में आयोजित 7वीं राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में शामिल हुई। इस योजना का उद्देश्य विज्ञान एवं तकनीक का प्रयोग कर सामाजिक विकास के क्षेत्र में समस्याओं का समाधान करने वाले नवाचारी प्रोजेक्ट तैयार करने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है।
यहां रीना ने अपनी प्राचार्य हाई स्कूल स्याहीमुड़ी डॉ. फरहाना अली के मार्गदर्शन में अपना प्रोजेक्ट इको फ्रेंडली सेनेटरी नैपकिन का प्रेजेंटेशन दिया। यहां से चयनित होने के बाद अब प्रोजेक्ट का प्रदर्शन करने रीना अब जापान जा रही हैं।
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