रायपुर। गरियाबंद में बंद कैदी को इलाज के लिए रायपुर अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कैदी की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर आदिवासी समाज ने जांच की मांग कर प्रदर्शन किया व कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। मिली जानकारी के अनुसार हिरण की सिंग की तस्करी के आरोप में लीलाधर मरकाम को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर गरियाबंद जेल में बंद था।
कैदी की तबीयत बिगडऩे के कारण उसे रायपुर स्थित अंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों सहित अन्य समाज के लोगों ने मौत को अप्राकृतिक मानते हुए सीबीआई जांच और मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा की मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ पुतला दहन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञात हो कि बीते 10 फरवरी को छुरा वन विभाग को मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुआ कि ग्राम रसेला के आश्रित ग्राम बेलडीहि निवासी लीलाराम के द्वारा हिरन का सिंग बेचने के लिए ग्राहक का तलाश किया जा रहा।
इस सूचना के आधार पर वन विभाग अपनी कार्यवाही करते हुए आरोपी के घर दबिश देते हुए जांच पड़ताल किये और छै नग हिरन का सिंग बरामद कर कार्यवाही करते हुए उक्त आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भे दिया गया ,जहां 18 फरवरी की रात 2 बजे उक्त आरोपी लीलाराम को उल्टी दस्त और शरीर मे अकडऩ होने लगा जिसका जिला अस्पताल में उपचार कर रायपुर भेजा गया परन्तु आरोपी के परिजनों को उसकी तबियत खराब होने और रायपुर में भर्ती किये जाने की जानकारी काफी देर बाद दिया गया और इलाज के दौरान ही बीते गुरुवार को आरोपी की मौत रायपुर में हो गया।
इस बात की जानकारी भी परिजनों को दूसरे के माध्यम से दिया गया ,जिससे नाराज समाज के लोगों ने स्थानीय आदिवासीय परिसर में बैठक आयोजित किए जिसमें बताए कि लीलाराम को वन विभाग द्वारा गलत तरीके से फसाया गया है क्योंकि आरोपी को सिंग बेचने की शिकायत के दौरान जिस दिन पकड़ा गया।
उस दिन उसके घर से दो नग हिरन का सिंग बरामद किया गया था परन्तु वन विभाग द्वारा छै नग हिरन का सिंग दिखाया गया ,वहीं आरोपी पूरी तरह से स्वस्थ था जिसकी तबियत अचानक इतना कैसे खराब हो गया जिससे उसकी मौत भी हो गई वहीं आरोपी की तबियत खराब हुई तो उसके परिजनों को इस बात की जानकारी काफी समय बाद दिया गया। इन सब आरोपों के साथ धु्रव गोड़ समाज के लोगों ने बैठक रखकर घटना का सीबीआई जांच,दोषियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही, मृतक के परिजनों को 50 लाख मुआवजा के साथ एक ब्यक्ति को सरकारी नौकरी की मांग रखते हुए रैली के रूप तिरंगा चौक पहुंचे और वन विभाग के साथ जेल विभाग के खिलाफ नारे बाजी करते हुए पुतलादहन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपें।
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