रायपुर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार लाभ के पदों को बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिए खाद्य मंत्री ने विधेयक पेश की है। इसके तहत छत्तीसगढ़ में मंत्री पद से वंचित विधायकों को निगम मंडलों की जिम्मेदारी देने की तैयारी है। इससे निगम मंडलों में कार्यरत कार्यकर्ता लाभ के पद से दूर हो जाएंगे। इससे कार्यकर्ताओं में मायूसी है। आपको बता दें निगम मंडलों में कई लाभ के पद होते हैं। इसमें सीधे तौर पर सरकार नियुक्तियां करती हैं। जिसमें संबंधित अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को पारिश्रमिक या वेतन के साथ ही अन्य सुविधाएं प्रदान करती है लेकिन अब इसमें परिवर्तन होने से लाभ के पदों से कार्यकर्ता वंचित हो जाएंगे। सरकार 38 निगम मंडलों को लाभ के पद के दायरे से बाहर करने जा रही है। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने विधानसभा में विधानमंडल सदस्यों के निरर्हता संबंधी संशोधन विधेयक पेश किया है।
इस विधेयक को मंजूरी से निगम मंडलों के 38 पद लाभ के पद के दायरे से बाहर हो जाएंगे।
क्या है लाभ का पद
संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ए) और 191 (1) (ए) में लाभ के पद का उल्लेख है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन 9 (ए) में भी इसे परिभाषित किया गया है। इसके मुताबिक कोई सांसद या विधायक कोई अन्य सरकारी पद ग्रहण नहीं कर सकता। मंत्री के पद को इससे अलग रखा गया है। लाभ का पद वह पद है जिसमें सरकार ने नियुक्ति की हो। जिसमें वेतन या पारिश्रमिक मिलता हो।
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