
भिलाई. यूनियनों ने भिलाई इस्पात संयंत्र में टूलडाउन हड़ताल (Bhilai Steel Plant Tool Down Strike) की परिस्थिति कि लिए पूरी तरह प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। नेताओं का कहना है कि कर्मियों का गुस्सा एक दिन का या अचानक नहीं है। इसके लिए खुद प्रबंधन की टालमटोल नीति और उपेक्षा पूर्ण रवैया ने उकसाया है। भिलाई श्रमिक सभा एचएमएस यूनियन के अध्यक्ष एचएस मिश्रा ने कहा कि 23 अप्रैल को एचएमएस यूनियन ने कलेक्टर को एक पत्र लिखकर प्लांट के अंदर कोरोना संक्रमण (Coronavirus In Durg) को रोकने रोस्टर प्रणाली लागू करवाने व उत्पादन को जरूरत के हिसाब से नियंत्रित करने के लिए प्रबंधन को निर्देश देने का अनुरोध पत्र दिया था। जिससे कोरोना की चैन तोड़ा जा सके। यूनियन ने प्लांट के डायरेक्टर इंचार्ज से मिलने समय मांगा परंतु उनके कार्यालय कर ओर से मुलाकात का समय नहीं मिला। आज तक भिलाई में कई एमडी रहे जो आगे जाकर सेल चेयरमैन के रूप में कार्य किए वे हमेशा भिलाई में यूनियन व वर्करों से निरंतर जुड़े रहे। आज के डायरेक्टर इंचार्ज 3-4 वर्षों से भिलाई में हैं, पंरतु इनका जनसंपर्क कभी नहीं रहा।
ऑक्सीजन प्लांट का नाम जोड़कर कर्मियों को झूठा फंसाया
मिश्रा ने कहा है कि 25 अपे्रल को भिलाई इस्पात संयंत्र में कर्मियों के खिलाफ प्रबंधन का एकतरफा उठाया गया कदम समझ से परे है। प्रबंधन अपनी विफलता छुपाने जानबुझकर ऑक्सीजन प्लांट का नाम जोड़कर कर्मियों के खिलाफ केस लगाया है। तत्काल 13 कर्मियों निलंबन और 19 कर्मियों को दिए गए शोकॉज नोटिस वापस लिया जाए। 4 कर्मचारियों पर झूठे आरोप लगाए गए हंै उसको भी प्रंबंधन तत्काल वापस ले। यही उद्योग एवं कर्मचारी हित में होगा। प्रबंधन इस गलत कदम को सुधारे और भिलाई को बदनामी से बचाए।
172 साथी कर्मियों की मौत की वजह प्रबंधन की लापरवाही
कोरोना का दूसरा दौर पूरे देश के साथ साथ बीएसपी भिलाई के लिए अत्यंत घातक सिद्ध हुआ। वर्कर के साथ साथ पूरे भिलाई में सैकड़ों की संख्या में कोरोना से मौतें हुई। भिलाई इस्पात संयंत्र के 172 से अधिक अधिकारी व कर्मचारी जान गंवा दिए। वर्कर व यूनियन की ओर से प्रबंधन को कई बार प्लांट में रोस्टर प्रणाली लागू करने और सेक्टर 9 अस्पताल में इलाज की व्यवस्था सुधारने आईआर विभाग में ज्ञापन दिए परंतु प्रबंधन ने कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया।
ऐसे सुलगता गया कर्मियों में आक्रोश
कोरोना से मृत कर्मी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने प्लांट के अंदर उत्पादन को जरूरत के अनुसार बंद करने या कम करने का भी ज्ञापन प्रबंधन को दिया गया था जिससे संयंत्र के अंदर कोरोना संक्रमण के चैन काबू में आ सके। कोरोना पर इसके जांच व इलाज के लिए एक से अधिक स्थानों पर व्यवस्था करने अनुकंपा नियुक्ति के साथ साथ 1 जनवरी 2017 से लंबित श्रमिकों के वेतन समझौता की मांग वर्कर एवं यूनियन विगत कई माह से करते आ रहे है। सेल व बीएसपी प्रबंधन द्वारा उचित निर्णय न ले पाने व कोरोना से मौत में वृद्धि से आक्रोशित होकर 10 मार्च 2021 को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। इस बीच एनजेसीएस की बैठक भी बेनतीजा रही जिससे वर्कर आक्रोशित होकर 3 अप्रैल को प्लांट में कई विभागों में टूलडाउन कर अपना विरोध जताया।
आश्वासन देकर फिर कर्मियों से छलावा
मिश्रा ने कहा है कि इस दरम्यान ईडी (पी एण्ड ए) ने वर्करों को आश्वासन दिया था कि 23 अप्रैल को एनजेसीएस के बैठक में अनुकंपा नियुक्ति पर चर्चा कर उचित निर्णय लेेने का प्रयास करेंगे। 23 अप्रैल को जब वेतन समझौता व अनुकंपा नियुक्ति पर कोई निर्णय नहीं हुआ तब वर्करों में आक्रोश पनपना स्वाभाविक है। इसलिए 24 अप्रैल को कई विभागों में वर्कर पुन: टूलडाउन का निर्णय लेकर शांति पूर्ण ढंग से बैठ गए।