छत्तीसगढ़

जागरुकता ने कम की तम्बाखू की खपत: चंद्राकर

रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अजय चन्द्राकर ने ‘तंबाकू निषेध विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला पर कहा कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण जैसे स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रम में जागरूकता बेहतर उपाय है। जनस्वास्थ्य के लिए आयोजित ऐसे कार्यक्रम भागवत कार्य संपादित करने के समान है। उन्होंने स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रमों के लिए निरंतर जागरूकता अभियान पर बल दिया।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भौगोलिक दशा, यहां की जलवायु, संस्कृति और परंपरा के अनुरूप स्वास्थ्य कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है, उसके बाद भी प्रदेश में तम्बाकू उपयोग प्रतिशत में 10 से 12 प्रतिशत की गिरावट सघन जन-जागरूकता अभियान के कारण ही संभव हो पाया है। यह हम सबके लिए खुशी का विषय है। यह राज्य सरकर द्वारा लोंगो के स्वास्थ्य के लिए बेहतर नीति का परिणाम है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार लोंगो के स्वास्थ्य की दृष्टि से पहले ही तम्बाकू से बने गुटखा, पान-मशाला विक्रय पर प्रतिबंध लगा रखा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय प्रतिनिधि स्वास्तिक चरण ने कहा कि वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में तम्बाकू उपयोग प्रतिशत में कमी आने पर खुशी की बात है। श्री चरण ने प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में और भी बेहतर एवं तकनीकी रूप से कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने तम्बाकू नियंत्रण अभियान के लिए केन्द्र सरकार से पर्याप्त बजट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। श्री चरण ने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों, प्रशानिक भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर भी जागरूकता के लिए तम्बाकू नियंत्रण के लिए व्यापक अभियान चलाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू ने कहा कि वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के रिपोर्ट में देखा जाए तो काफी उपलब्धियां हासिल हुई है। जन जागरूकता के कारण तम्बाकू उपयोग चाहे वह धुम्रपान हो अथवा धुम्र रहित उत्पाद हो कमी आई है, जो प्रदेश के लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि नये लोग तम्बाकू सेवन से दूर हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन पुराने लोग जो तम्बाकू नहीं छोड़ पा रहे हैं, उनके लिए और काम करने की जरूरत हैं।

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