
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष को लेकर एक टोटका रहा है कि यहां नेता प्रतिपक्ष चुनाव नहीं जीतता, लेकिन इस मिथक को मंगलवार को आए चुनाव परिणामों में कांग्रेस के टी.एस.सिंहदेव ने तोड़ दिया है। वहीं छत्तीसगढ़ में विधानसभा अध्यक्षों को लेकर जो टोटका था कि यहां विधानसभा अध्यक्ष फिर से चुनाव नहीं जीतते, यह टोटका 2018 में भी बरकरार रहा।
वर्तमान में गौरीशंकर अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं, और वे आज आए चुनाव परिणामों 13000 वोटों से पीछे चल रहे हैं। इससे पहले यदि विधानसभा अध्यक्षों की बात करें तो छत्तीसगढ़ विधानसभा के द्वितीय सत्र (22 दिसंबर 2003 से 5 जनवरी 2009) में प्रेमप्रकाश पांडेय विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं।
लेकिन 2008 में विधानसभा अध्यक्ष रहते वे चुनाव हार गए। कांग्रेस के दिग्गज नेता बदरुद्दीन कुरैशी ने प्रेम प्रकाश पाण्डेय को 8 हजार से अधिक मतों से हरा दिया था। तब बदरुद्दीन कुरैशी को 52 हजार 848 मत मिले थे, जबकि प्रेम प्रकाश पाण्डेय को 43 हजार 985 वोट प्राप्त हुए थे।
इससे बाद तृतीय विधानसभा सत्र (5 जनवरी 2009 से 6 जनवरी 2014) तक धरमलाल कौशिक विधानसभा अध्यक्ष रहे, लेकिन 2013 में वे भी चुनाव हार गए थे। 2013 में धरम लाल कौशिक को 72 हजार मत मिले थे, जबकि सियाराम कौशिक 83 हजार 598 मत प्राप्त हुए थे।
अब 2018 के चुनावों में विधानसभा अध्यक्ष रहे गौरीशंकर अग्रवाल कसडोल सीट से चुनाव हार गए हैं। श्री अग्रवाल 6 जनवरी 2014 से अब तक विधानसभा अध्यक्ष हैं।
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