
छत्तीसगढ़ में स्पष्ट बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। सियासी चर्चाओं पर गौर करें तो भाजपा की हार के पीछे कुछ ऐसे कारण बताए जा रहे हैं, जिससे पार्टी को खासा नुकसान उठाना पड़ा है। इसमें सबसे बड़ा कारण रहा-कांग्रेस का घोषणा पत्र।
भाजपा का घोषणा पत्र ऐसा था जो कहीं भी कांग्रेस के मुकाबले में फिट नहीं बैठता था। किसान बाहुल राज्य में कांग्रेस ने अपना मास्टरस्टोक चलते हुए घोषणा की कि वह सत्ता में आने पर किसानों का कर्ज माफ करेगी। इसका सीधा-सीधा फायदा कांग्रेस को हुआ। वहीं भाजपा किसानों को साधने में पूरी तरह असफल रही।
भाजपा की हार के पीछे दूसरा सबसे कारण टिकट वितरण को लेकर असंतोष बताया जा रहा है। भाजपा में टिकट वितरण से उपजा अंसतोष कम नहीं हुआ और कई सीटों पर उसके बागी उम्मीदवारों ने पार्टी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
रायगढ़ से टिकट नहीं मिलने पर विजय अग्रवाल निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। इसके चलते रामानुजगंज, बसना, साजा, बिलाईगढ़ जैसी सीटों पर बागियों के चलते भाजपा उम्मीदवारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
भाजपा की हार के पीछे तीसरा प्रमुख कारण सत्ता विरोधी लहर रहा। लगातार 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भाजपा के खिलाफ एक सत्ता विरोधी लहर बन गई थी। कांग्रेस ने इसी सत्ता विरोधी लहर को भुनाते हुए बेरोजगारी और मंहगाई जैसे मुद्दों को उठाया और जनता तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रही।
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