IND vs ENG: लॉर्ड्स का किंग बना भारत… दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 151 रन से हराया, केवल तीसरी बार हुआ ऐसा…

IND vs ENG, 2nd Test, Day 5: IND vs ENG lords Test: लॉर्ड्स टेस्ट (Lords Test) में भारत ने इतिहास रचते हुए 151 रन से जीत हासिल कर ली है. सीरीज में अब भारत 1-0 से आगे हो गया है. लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर यह केवल तीसरी बार है जब भारतीय टीम (India beat England in lords test) को जीत मिली है.
आखिरी बार भारत को 2014 में धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में लॉर्ड्स के मैदान पर 95 रन से जीत मिली थी. इसके पहले 1986 में लॉर्ड्स में भारत पहली बार जीता था. 1986 में कपिल देव की कप्तानी में भारत को लॉर्ड्स में जीत मिली थी. अब विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में भारत ने लॉर्ड्स में जीत हासिल कर इतिहास दोहरा दिया है. भारत की इस जीत में केएल राहुल (KL Rahul), रहाणे, पुजारा, और भारतीय तेज गेंदबाज रहे. बता दें कि भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए 272 रनों का लक्ष्य दिया था. लेकिन इंग्लैंड की दूसरी पारी 120 रन पर आउट हो गई. पांच मैचों की सीरीज का तीसरा मैच 25 अगस्त से लीड्स में खेला जाएगा.
भारत की ओर से शमी ने 1 विकेट, सिराज ने 4 विकेट, बुमराह ने 3 विुकेट लिए तो वहीं और ईशांत शर्मा ने 2 विकेट लिए. इंग्लैंड की ओर से जो रूट ने 33 रन की पारी खेली तो वहीं बटलर ने 25 रन बनाए. भारत के गेंदबाजों ने लॉर्ड्स के पिच पर अपनी गेंदबाजी का जलवा बिखेरा. जिसके कारण इंग्लिश टीम को यह हार झेलनी पड़ी.
बता दें कि भारत की दूसरी पारी में शमी और बुमराह ने 9वें विकेट के लिए 89 रनों की साझेदारी थी, जिसके दम पर भारत ने दूसरी पारी में अपनी पारी 8 विकेट पर 298 रन पर घोषित कर दी थी. शमी ने नाबाद 56 और बुमराह ने नाबाद 34 रन बनाए थे. दोनों ने मिलकर लॉर्ड्स में इतिहास बनाया है. दोनों के द्वारा की गई 89 रन की साझेदारी 9वें विकेट के लिए लॉर्ड्स में की गई भारत के लिए सबसे बड़ी साझेदारी करने का रिकॉर्ड है. बुमराह और शमी ने मिलकर कपिल देव औऱ मदन लाल के रिकॉ़र्ड को तोड़ दिया है. साल 1982 में मदनलाल और कपिल देन ने 9वें विकेट के लिए इस मैदान पर 66 रनों की साझेदाकी की थी.
भारतीय टीम ने आखिरी दिन पहले सत्र में ऋषभ पंत और ईशांत शर्मा का विकेट जल्द गिरा दिया था लेकिन इसके बाद शमी और बुमराह जम गए और भारत को 298 रन के स्कोर पर ले जाने में सफल रहे. दोनों ने ऐसी बल्लेबाजी की जिसने इंग्लैंड की उम्मीद को खत्म कर दिया.