रायपुर। मतगणना के लिए आज से उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आज से 10 दिन बाद यानी 11 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। दोपहर तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी की सत्ता सुख किसके हाथ लगने वाली है।
प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी सरकार बनाने का भले ही दावा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक दोनों संशय की स्थिति में हैं। मतगणना की तिथि करीब आते ही प्रत्याशियों की धड़कने तेज हो गई हैं।
11 दिसंबर को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिरनती होगी। उसके बाद ईवीएम से वोटों की गिनती शुरू होगी। मतगणना के लिए प्रत्येक विधानसभावार 14-14 टेबल लगेंगे। सुबह पांच बजे टेबल का आवंटन कर दिया जाएगा।
सात बजे तक सभी अधिकारी अपने-अपने टेबल पर उपस्थित हो जाएंगे। प्रत्येक टेबल पर एक गणना निरीक्षक, एक गणना सहायक, एक माइक्रो ऑब्जर्वर और एक ग्रुप डी कर्मचारी तैनात रहेंगे। इसके अलावा वहां रिजर्व स्टाफ भी मौजूद रहेंगे।
प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी सरकार बनाने का भले ही दावा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक दोनों संशय की स्थिति में हैं। जिस प्रकार से वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि हुई है उसे लेकर भी तरह-तरह तरह की चर्चा हो रही है। राजनीतिक जानकारों का मत भी भिन्न-भिन्न है। कोई मतदान प्रतिशत का बढऩा सत्ता पक्ष तो कोई विपक्ष को लाभ बता रहे हैं।
भाजपा पिछले 15 साल से सत्ता पर काबिज है। भाजपा द्वारा प्रदेश में किए विकास कार्यों के दम पर सरकार बनाने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस परिवर्तन की लहर बता रही है। साथ ही कांग्रेस कर्ज मांफी और धान बोनस देने का जो वादा किया है उसे ब्रम्हास्त्र बता रही है। मतदाताओं में इसका अच्छा असर हुआ है।
राज्य के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रदेश की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सभी की बात सुनने के बाद राहुल गांधी ने नेताओं को अच्छा कार्य करने के लिए बधाई दी है। प्रदेश के नेताओं ने राहुल गांधी को बताया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से बन रही है।
मतदान के बाद भाजपा ने भी बैठक कर एक-एक सीट का आकलन किया है। 90 सीटों पर रिपोर्ट तैयार की है। जो रिपोर्ट मिली है उससे भाजपा चौथी बार सरकार बनाने आशान्वित हैं।
इस बार के चुनाव में डाक मतपत्रों की भी अहम भूमिका होगी। चुनाव ड्यूटी में लगाए गए शासकीय कर्मचारियों को डाक मतपत्र जारी किया गया है। लगभग सभी विभाग के शासकीय कर्मचारी चुनाव से पहले हड़ताल पर थे।
शिक्षाकर्मियों ने तो काफी आक्रमक रूप से हड़ताल पर डटे थे। उनकी मुख्य मांग संविलियन तो मिल गई लेकिन वर्ग-3 के कर्मचारी अभी भी वेतन विसंगति को लेकर नाराज हैं। प्रदेश में 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मी हैं।
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