निपाह वायरस से दम तोड़ने वाले के घर पहुंची केंद्रीय टीम… संक्रमण की पहचान के लिए फलों के सैंपल लिए…

कोझिकोड में निपाह से संक्रमित होकर मौत का शिकार बने 12 वर्षीय बच्चे के घर एक केंद्रीय टीम ने रविवार को दौरा किया। टीम ने संक्रमण का पता करने के लिए घर के आसपास से रामबूटन फलों के नमूने भी एकत्र किए।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, नमूने संक्रमण के स्त्रोत की पहचान करने में मदद कर सकते हैं। इससे यह पुष्टि हो सकती है कि संक्रमण की उत्पत्ति चमगादड़ के जरिये हुई या नहीं।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, निपाह वायरस चमगादड़ों के कारण फैलता है।
यह संभावित रूप से मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी घातक है। इससे पीडि़त लोगों में सांस की बीमारी के साथ-साथ बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, बुखार, चक्कर आना और जी मिचलाना की समस्या होती है।टीम ने मृतक के परिवार और उसके करीबी लोगों से भी पूछताछ की। बच्चे ने जो खाना खाया और उसके संपर्क में आने वाले जानवरों की पहचान भी टीम ने की।इसके अलावा, टीम ने सभी को अतिरिक्त सतर्क रहने और समान लक्षण होने पर स्वास्थ्य कर्मियों को जल्द से जल्द सूचित करने की सलाह दी।
केंद्रीय टीम ने सीधे तौर पर स्थानीय लोगों को घरों और आसपास प्रोटोकाल का पालन करने के निर्देश दिए। निपाह पीडि़ता के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में सख्त प्रोटोकाल लागू किए गए हैं। बयान में कहा गया है कि इन क्षेत्रों को नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है, और इसी तरह के सतर्क कदम कोझिकोड जिले, मलप्पुरम और कन्नूर जिलों के आस-पास के इलाकों में जारी किए गए हैं।
तमिलनाडु के कोयंबटूर में भी निपाह का मामला दर्ज
उधर तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में सोमवार को निपाह वायरस का एक मामला दर्ज किया गया है। यह जानकारी जिला कलेक्टर जीएस समीरन ने दी।डीएम ने बताया कि कोयंबटूर में निपाह वायरस के एक मामले की पहचान की गई है। यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निपाह, जीका या डेंगू की पहचान के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं। डीएम ने वालयार चेक पोस्ट पर निपाह संक्रमण की निगरानी के लिए लगाए गए शिविर की समीक्षा की। केरल से तमिलनाडु आने वाले लोगों को 13 चौकियों से गुजरना पड़ता है। निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट लेकर आने वालों को ही राज्य में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।