
बिलासपुर। कवर्धा जिले के एक पटवारी और ड्रीम एजुकेशनल एकेडमी के संचालक ने मिलकर कई लोगों से 2 करोड़ रुपये की ठगी की है। दोनों सरकारी कार्यालय एवं एनजीओ के माध्यम से ठेका लेने का झांसा देते थे। ठेके में रूपये लगाने के लिए लोगों को अपनी जाल में फसाता था।
इसी फेर में सिम्स के एक डॉक्टर से 39 लाख रुपए की ठगी कर ली। दोनों ने जो चेक डॉ. को दिए थे वह भी बाउंस हो गए। रुपये मांगने पर धमकी दी। सरकंडा पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत पर पटवारी व एकेडमी के संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
सिम्स में सहायक प्राध्यापक के पद पर पदस्थ डॉ. संजय बंजारे का अक्टूबर 2015 में कवर्धा में पदस्थ पटवारी प्रदीप चंद्राकर और एकेडमी के संचालक अरुण वर्मा से दोस्ती हुई। दोनों ने डॉ. संजय से कहा कि वह एनजीओ के माध्यम से बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लेते हैं तथा एनटीपीसी एवं एसईसीएल में उनकी अच्छी लिंक है जिससे करोड़ों रुपए के ठेके मिलते हैं जिनमें 40 प्रतिशत तक मुनाफा मिल जाता है।
डॉ. संजय पटवारी और अरुण के झांसे में आ गए और उनके काम में रुपये लगा दी। शुरू के कुछ ठेकों में तो प्रदीप व अरुण ने जो लाभ मिला उसका हिस्सा डॉ. संजय को दिया। धीरे-धरे डॉ. का विश्वास दोनों पर बढ़ता गया। इसके बाद दोनों ने बड़ी रकम की मांग की। रुपये देने डॉ. ने बैंक से 20 लाख रुपए का पर्सनल लोन निकाला।
डॉ. ने 2015 से 2017 के बीच क्रम-क्रम से 39 लाख रुपए दोनों को दिए। इस रकम के बदले छह चेक डॉ. ने पटवारी व कैरियर ड्रीम के संचालक अरुण से ले लिए। काफी समय तक जब दी गई रकम व लाभ का हिस्सा नहीं मिला तो उन्होंने इस संबंध में दोनों से बात की। बातचीत में दोनों आजकल कहकर टाल-मटोल करने लगे। डॉ. को दिए चेक भी बाउंस हो गए।
ठगी का मामला दर्ज हो जाने के बाद जब डॉ. संजय क्राइम ब्रांच की टीम के साथ पटवारी प्रदीप की पहचान कराने कवर्धा गए तो पटवारी टीम से ही उलझ गया। उसने यह आरोप लगाना शुरू कर दिया कि क्राइम ब्रांच की टीम नकली है और उसके साथ मारपीट की गई है। उसने कुछ साथी भी मौके पर बुला लिए थे।