बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि कार, मोटरसाइकिल और लाइफ इंश्यारेंस सहित घर का बीमा भी होता है। ये बीमा सिर्फ घर मालिक ही वहां रहने वाले किराएदार भी ले सकते हैं।
हालांकि घर का बीमा कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है, लेकिन घर का बीमा होने पर प्राकृतिक आपदा, आग लगने, चोरी जैसी घटनाओं से होने वाले नुकसान से काफी हद तक राहत मिलती है।
ज्यादातर बीमा एक्सपर्ट घर के बीमा की भी सलाह देते हैं, क्योंकि हादसे कभी बताकर नहीं आते। इसलिए अगर घर का बीमा भी हो तो मुश्किल समय में काफी राहत मिल सकती है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, घर के बीमे से मतलब होता है भवन, मशीनरी, स्टॉक्स आदि का बीमा।
घर के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय ध्यान रखें कि उससे जुड़े नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें। आमतौर पर होम इंश्योरेंस में प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों तरह की आपदाएं शामिल होती हैं। जैसे- आग लगना, बिजली गिरना, दंगे में नुकसान, आंधी, चक्रवात, मिसाइल टेस्टिंग ऑपरेशन, भूकंप (हालांकि कुछ कंपनियां भूकंप की वजह से समुद्र, नदी या झील के ओवरफ्लो होने पर घर को होने वाले नुकसान को नहीं कवर करती हैं, इसलिए पॉलिसी लेते समय ध्यान रखें।), चोरी, डकैती आदि।
भले ही मोटर वीइकल्स की तरह होम इंश्योरेंस सभी के लिए कानूनी रूप से अनिवार्य ना हो, लेकिन अगर आपके घर का इंश्योरेंस है तो इससे अच्छी कोई बात हो ही नहीं सकती। एक भ्रम यह भी है कि होम इंश्योरेंस सिर्फ मकान मालिकों के लिए है, जो कि गलत है।
आप किराएदार हैं तो भी आप होम इंश्योरेंस ले सकते हैं, जिससे आग लगने या किसी हादसे की दशा में आपके कीमती सामानों के खराब होने पर कोई परेशानी नहीं होगी।
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