बिलासपुर संभाग के नक्शे में एक गांव ऐसा भी है जहां के ग्रामीणों ने न तो लैंडलाइन फोन और न ही मोबाइल का इस्तेमाल किया है। इस गांव में आजतक किसी भी सेलुलर कंपनी का नेटवर्क ही नहीं है। यह पूरा गांव नेटवर्क एरिया से आज भी बाहर है।
मरवाही विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम डांडजमड़ी को शामिल किया गया है। यह विधानसभा क्षेत्र का सबसे आखिरी का गांव है। घने जंगलों से घिरे होने के कारण गांव पहुंचने का रास्ता भी कठिन है। मुख्य मार्ग से 25 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच बसे गांव में पहुंचने के लिए ट्रैक्टर ही मुख्य साधन है। वह भी पूरे गांव तक नहीं जाता । छह से सात किलोमीटर पहाड़ी के रास्ते और घाटी से होते हुए गुजरना पड़ता है।
घने जंगल के बीच बसे गांव डांडजमड़ी की अपनी अलग और अनोखी कहानी है। ग्रामीणों का संपर्क अन्य गांवों से हमेशा कटे रहता है। जंगलों के बीच बसाहट के कारण इस गांव में किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क नहीं है।
जाहिर है गांव में आजतक न तो लैंडलाइन और न ही मोबाइल फोन की घंटी ही बज पाई है। वर्षों से नेटवर्क एरिया से बाहर रहने वाले गांव की हकीकत तब सामने आई जब भारत निर्वाचन आयोग ने पोलिंग बूथों में मतदाताओं के लिए बुनियादी सुविधाओं के विस्तार करने का निर्देश दिया था।
इसमें बिजली,पानी के अलावा अन्य सुविधाएं की बात कही गई थी। जिला निर्वाचन कार्यालय की चुनावी टीम जब जमड़ीडांड पहुंची तब पता चला कि सेलुलर कंपनियों ने इस गांव को भूला दिया है। यहां किसी भी कंपनी का नेटवर्क नहीं है। जाहिर है यहां से हैलो हैलो कहना काफी मुश्किल काम है।
मतदान के दौरान मतदान दलों के अलावा सुरक्षा व्यवस्था में तैनात अफसरों व कर्मियों को जिला निर्वाचन कार्यालय के अलावा पुलिस प्रशासन से सीधे ऑनलाइन रहने की बाध्यता है। लिहाजा जिला निर्वाचन कार्यालय ने इसकी सूचना आयोग को भेज दी थी ।
सेटेलाइट नेटवर्क का करेंगे उपयोग
मतदान के दिन इस गांव को नेटवर्क एरिया से जोड़ा जाएगा। सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा वन विभाग कार्यालय में उपलब्ध वायरलेस सेट का भी उपयोग करने कहा गया है। जिला प्रशासन ने सीसीएफ कार्यालय को पत्र लिखकर वायरलेस सेट की व्यवस्था करने कहा गया है।
मरवाही विधानसभा के ग्राम डांडजमड़ी में किसी भी सेलुलर कंपनी का नेटवर्क नहीं है। आयोग के निर्देश पर मतदान के दिन सेटेलाइट फोन के अलावा वन विभाग के वायरलेस सेट का उपयोग किया जाएगा। विभाग के आला अफसर को इस संबंध में पत्र लिखा गया है।
– पी दयानंद, कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी
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