कोरबा। चुनाव ड्यूटी से बचने अक्सर शासकीय कर्मचारी कई तरह के बहाने लगते हैं। कोई घर में आवश्यक कार्य का बहाना करता है तो कई बीमारियों का बहाना बनाकर चिकित्सकों से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर पेश कर देते हैं।
लेकिन इस पर सख्ती बरतते हुए कोरबा कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश में साफतौर चिकित्सकों द्वारा जारी अनफिट प्रमाण पत्र के आधार पर मेडिकल बोर्ड से जांच में कर्मचारी का झूठ पकड़ा गया तो वे बच नहीं पाएंगे। ऐसे कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्यवाही की जायेगी।
इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मो. कैसर अब्दुल हक ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया है कि निर्वाचन कार्य से मुक्त होने के लिये अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा यदि चिकित्सक द्वारा डयूटी के लिये अनफिट होने का प्रमाण पत्र दिया गया हो अर्थात शासकीय दायित्व के निर्वहन हेतु शारीरिक रूप से सक्षम न हो तो ऐसी कर्मियों का विवरण शासनादेश द्वारा गठित छानबीन समिति के समक्ष प्रस्तुत करे और परीक्षण उपरांत उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने पर विचार किया जावे।
जिला प्रशासन के अधिकारियों के पास चुनावी ड्यूटी निरस्त करवाने के लिए रोज कई कर्मचारी पहुंच रहे हैं। कोई बीमारी का बहाना बना रहा है तो कोई परिवार में किसी कार्यक्रम का। कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने सभी विभागों के जिला अधिकारियों को ऐसे लोगों की सूची बनाने और अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया है कि दिव्यांगता के कारण एवं गंभीर बीमारी के कारण ड्यूटी करने में असमर्थ कर्मियों को छोडक़र यदि अन्य कर्मियों को चिकित्सक द्वारा ड्यूटी के लिए अनफिट होने का प्रमाण पत्र दिया गया हो तो ऐसे कर्मचारियों की सूची छानबीन समिति के समक्ष प्रस्तुत कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति संबंधी कार्यवाही की जायेगी।
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