PM की सुरक्षा चूक को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल…

चंडीगढ़: 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी राज्य के दौरे के दौरान सुरक्षा चूक को लेकर कांग्रेस नेता बंटे हुए हैं. जहां चन्नी, सिद्धू और अन्य नेताओं ने राज्य सरकार की भूमिका का बचाव किया, वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस हादसे के लिए खेद व्यक्त किया है. इस मामले में मुख्यमंत्री ने चरणजीत सिंह चन्नी ने घटना के पहले दिन सुरक्षा में चूक होने से इनकार कर दिया था. जब पूरे देश में बवाल मचा तो उन्होंने जांच कमेटी गठित की.इस मामले में पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने अपने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई से इनकार कर दिया था और जांच के बाद कार्रवाई की बात कही थी.
वहीं कांग्रेस के चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख सुनील जाखड़ ने अपनी पार्टी के अधिकांश नेताओं से अलग रुख अपनाया था और अपनी ही सरकार को नसीहत देते हुए एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि आज जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है. यह पंजाब के खिलाफ है. भारत के प्रधानमंत्री के लिए फिरोजपुर में भाजपा की राजनीतिक रैली को संबोधित करने के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था. इसी तरह लोकतंत्र काम करता है.
What has happened today is just not acceptable. It’s against Panjabiyat.
A secure passage for the Prime Minister of India to address BJP’s political rally in Ferozpur should have been ensured. That’s how democracy works.
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) January 5, 2022
मनीष तिवारी बोले पाकिस्तान की फायरिंग रेंज में थे पीएम
हालांकि पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी पार्टी से अलग स्टैंड लिया. चन्नी सरकार ने जहां जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया वहीं तिवारी ने उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा घटना की जांच की मांग की. इसके बाद तो उन्होंने आज यह तक कह दिया कि जिस फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिल रुका था वे पाकिस्तान की फायरिंग रेंज में था.
I have been carefully watching the unfolding controversy about @PMOIndia ‘s trip to Punjab Yesterday. I did not want to give a knee jerk off the cuff anodyne reaction. What happened yesterday was most unfortunate, it should not have happened. @PMOIndia ‘s security is governed 1/1
— Manish Tewari (@ManishTewari) January 6, 2022
सुरक्षा माले को राजनीतिक फ़ुटबॉल नहीं बनाना चाहिए
इससे पहले अपने दो ट्वीट में कहा था कि “मैं @PMOIndia पंजाब यात्रा के बारे में सामने आए विवाद को ध्यान से देख रहा हूं. मैं घुटने के बल चलने वाली एनोडाइन प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता था. जो हुआ वह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण था, ऐसा नहीं होना चाहिए था. “@PMOIndia की सुरक्षा संसद के एक अधिनियम – 1988 के SPG अधिनियम, 2019 में संशोधित द्वारा शासित है. @PMOIndia से जुड़ा सुरक्षा उल्लंघन एक संवेदनशील मामला है और इसे राजनीतिक फ़ुटबॉल में नहीं बदलना चाहिए. सही तथ्यों को स्थापित करने के लिए उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा घटनाओं के पूरे क्रम की जांच की जाए. ”