सुप्रीम कोर्ट का फैसला: अयोध्या में बनेगा राम मंदिर…मुस्लिम पक्ष को दी जाएगी जमीन…

माथुर। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है। यानी सुन्नी वफ्फ बोर्ड को कोर्ट ने अयोध्या में ही अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया है। पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है।
मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही मिलेगी 5 एकड़ जमीन
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि विवादित जमीन पर रामजन्मभूमि न्यास का हक है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन किसी दूसरी जगह दी जाएगी।
जमीन पर दावा साबित करने में मुस्लिम पक्ष नाकाम
कोर्ट ने फैसले में कहा कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम रहा है।
आस्था के आधार पर मालिकाना नहीं
कोर्टकोर्ट ने फैसले में कहा कि आस्था के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता. साथ ही कोर्ट ने साफ कहा कि फैसला कानून के आधार पर ही दिया जाएगा।
मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की पुख्ता जानकारी नहीं
कोर्ट ने रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है।
निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अखाड़े का दावा लिमिटेशन से बाहर है।
2010 में आया था इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला
अयोध्या विवाद पर 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आया था। इस फैसले में कोर्ट ने 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्माही अखाड़ा और रामलला के बीच बांटने का आदेश दिया था। कोर्ट के इस आदेश को ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर लंबी सुनवाई के बाद आज सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ अपना फैसला सुनाया।
इन पांच जजों ने की सुनवाई
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की और अब यही पीठ फैसला सुनाया। इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर शामिल हैं।
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