रायपुर। हमारे विचार बहुत कीमती होते हैं वो फालतू नहीं होते। जिन विचारों को हम फालतू समझते हैं वो हमारे जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। विचार में इतनी शक्ति होती है कि वह अपनी ही तरह की चीजों को हमारे जीवन में प्रकट कर देती हैं यानी हम जो सोचते हैं वही अपने आपपास बुला लेते हैं।
विज्ञान ने अब जाकर शास्त्रों में बताई गई विचार शक्ति को समझा है। अब समय आ गया है कि हम विचार को समझकर अपने जीवन में अपनी शांति और सुख के लिए उसका इस्तेमाल करें।
यह कहना है देश में विचारों की शक्ति के जरिए जीवन में बदलाव के लिए अभियान चला रही संस्था साइंस डिवाइन के संस्थापक साक्षी रामकृपाल जी का। रायपुर के सेजबहार डोमा स्थित आनंद उत्सव ध्यान केंद्र में एक दिवसीय ध्यान – विज्ञान शिविर लेने आए साक्षी रामकृपालजी रायपुर के प्रेस क्लब में रूबरू कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आदमी जब भी सोचता है एक खास तरह की ऊर्जा को छोड़ता है और उसी ऊर्जा से मिलती जुलती ऊर्जा उसके आसपास जमा होने लगती हैं। कोई लगातार कार खरीदने की सोचता है और अपने विचारों में बल डालता है तो उसकी इच्छा पूरी हो जाती है।
ऐसे ही कोई डरता है तो डरने के कई कारण उसके सामने प्रकट होने लगते हैं। रामकृपाल जी ने कहा कि अगर विचारों का उचित तरीके से उपयोग किया जाए तो हम अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं।
साइंस डिवाइन मूवमेंट लोगों को विचार शक्ति के विज्ञान से परिचित कराने और विचारों का उपयोग मानवता के हित में करने की दिशा में मार्गदर्शन देता है। विचार शक्ति को मजबूत बनाने और नकारात्मक विचारों के कुप्रभावों से बचने के लिए कुछ खास तरह के ध्यान प्रयोग सहयोगी होते हैं।
इस प्रयोग को करने पर व्यक्ति विचारों में बल डालना और विचारों पर नियंत्रण सीख जाता है। एक बार जब विचारों की शक्ति समझ आ जाती है तो व्यक्ति फालतू विचारों को अपने आसपास फटकने भी नहीं देता और सिर्फ सकारात्मक विचारों को ही आगे बढ़ाता है और इस तरह उसके जीवन में जल्द ही बड़ा बदलाव आता है।
परिणाम आने पर व्यक्ति का विश्वास बढ़ता है और वह इसे और जल्दी सीख जाता है। साक्षी रामकृपालजी ने कहा है कि सभी शास्त्रों ने विचार शक्ति के इसी विज्ञान की ओर इशारा करते हुए हमेशा शुभ विचार और विश्वास पर बल दिया है।
दुर्भाग्य से हम अपना प्राचीन विज्ञान भूल बैठे हैं। साइंस डिवाइन के जरिए विचार क्रांति के जरिए व्यक्ति और समाज में बदलाव की दिशा में काफी काम हो रहा है। उम्मीद है कि कुछ ही सालों में समाज इस विज्ञान को समझ जाएगा और तब लोग प्रेम और शांति से रहते हुए विकास करेंगे।
साक्षी रामकृपालजी 30 सितम्बर को आनंद उत्सव ध्यान केंद्र में विचार शक्ति के विज्ञान और उसके इस्तेमाल को लेकर एक दिवसीय शिविर लेंगे। इस दौरान वे ध्यान प्रयोगों के जरिए विचारों पर नियंत्रण और विचार शक्ति के रहस्यों पर चर्चा करेंगे। यह शिविर सुबह 9 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक चलेगा।
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