रायपुर। पत्रकार सुशील पाठक हत्याकांड में सीबीआई की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। मामले में तत्कालीन सीबीआई एएसपी डीके राय, आरक्षक लक्ष्मीनारायण और पत्रकार तपन गोस्वामी को कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया।
साल 2012 में सुशील पाठक हत्याकांड में राम बहादुर नागर ने तत्कालीन सीबीआई एएसपी डीके राय पर 2 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। तीन लोगों के खिलाफ केस संधि का आरोप था. आरोप था कि डीके राय ने पत्रकार तपन गोस्वामी के जरिए रिश्वत की मांग की थी।
ये है पूरा मामला
दिसंबर साल 2010 में बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक की काम के बाद घर लौटते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पत्रकार सुशील अपने घर सरकंडा लौट रहे थे। मर्डर के दो महीने बाद फरवरी 2011 में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। जांच में पुलिस द्वारा लापरवाही बरते जाने पर राज्य शासन की अनुशंसा पर सीबीआई दिल्ली ने सितंबर 2011 में मामले को अपने हाथ में लिया था।
जांच के लिए सीबीआई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीके राय व एएसआई लक्ष्मीनारायण शर्मा को बिलासपुर भेजा गया था। सर्किट हाउस में सीबीआई अधिकारियों ने अस्थाई कार्यालय खोलकर जांच प्रारंभ की।
हत्याकांड की जांच कर रहे अधिकारियों के खिलाफ सरकंडा निवासी राम बहादुर नागर ने 28 अगस्त 2012 को सीबीआई भिलाई से रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि अधिकारी मामले में बचाने के लिए दो लाख रुपए मांग रहे हैं। सीबीआई ने भिलाई कार्यालय के अधिकारियों ने छापा मारकर एएसआई लक्ष्मीनारायण शर्मा और एक बिचौलिए को गिरफ्तार किया था।
मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीबीआई डीके राय को भी गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारी द्वारा रिश्वत लिए जाने और अपराधियों के पकड़े नहीं जाने को लेकर उनकी पत्नी संगीता पाठक और बिलासपुर प्रेस क्लब ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में राज्य शासन, पुलिस विभाग, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर समेत अन्य को पक्षकार बनाया गया था।
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