आखिर क्यों नहीं मिल रहे तेंदूपत्ता के खरीददार

जगदलपुर। इस वर्ष शासकीय रूप से बस्तर में संग्रहित तेंदूपत्ता की मानक बोरी का मूल्य 2500 रूपए कर दी गई है, जिसके फलस्वरूप अभी राज्य की राजधानी में आयोजित हुए नीलामी कार्यक्रम में कुल 116 तेंदूपत्ता की लाट में से मात्र 36 की ही नीलामी हो सकी और बाकी की नीलामी के लिए वन विभाग प्रयासों में लगा हुआ है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष प्रदेश सरकार ने तेंदूपत्ता की मानक बोरी की कीमत 1800 से बढ़ाकर 2500 रूपये कर दी। लेकिन इस मूल्य पर खरीददारों ने खरीदने में अपनी रूचि नहीं दिखाई और रायपुर में आयोजित बस्तर के 116 लाटों की नीलामी में 36 ही बिक पायी। इस संबंध में तेंदूपत्ता खरीददारों का कहना है कि अभी देश में एक तो वैसे ही बीड़ी का प्रचलन कम हो गया है। बीड़ी की मांग घटने से अनेक कारखाने बंद हो गये हैं। अब नये सीजन में सरकार ने 25 सौ रूपये कीमत तय कर इस उद्योग पर और अधिक चोट की है। इससे बीड़ी का मूल्य तो बढ़ेगा ही साथ ही मांग भी कम हो जायेगी। इसके चलते बीड़ी कारोबार और बदतर हो सकता है।