जयपुर। जहां एक तरफ भारतीय संविधान में महिलाओं को अधिकार दिए गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ पुरूषों को भी कई सारे अधिकार दिए है। जिनमें महिलाओं को उम्र कैद तक की सजा का भी प्रावधान है। दोस्तों हिंदू विवाह अधिनियम के सेक्शन 13बी में पुरूष को तलाक लेने के आधार बताए गए है। जो पति-पत्नी दोनों पर ही समान तरीके से लागू होते हैं। यदि कोई पत्नी, पति को प्रताडि़त करती है तो इन आधारों पर पति भी तलाक का आवेदन कर सकता है। इसके अलावा पत्नी पर आईपीसी की धाराओं के तहत भी केस दर्ज होता है। तो आईए आज आपको बताते है इन धाराओं के बारे में, यदि पति पत्नी दोनों में से कोई किसी को खतरनाक हथियार से वार करके चोट पहुंचाता है उसे अपराध की श्रेणीं में माना जाता है। जिसमें आरोपी पर आईपीसी की धारा 324 लगती है।
इस श्रेणीं में दांतों से काटना, किसी धारदार हथियार से हमला करना, किसी जीव-जंतु से कटवाना आदि तत्व आते हैं। आरोप साबित होने पर आरोपी को तीन साल की सजा का प्रावधान है। इसी के साथ ही अगर दोनों में से कोई किसी धारदार हथियार से हमला करता है और चोट आती है तो उसे धारा 325 के तहत आरोपी माना जाता है। जिसमे सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसी के साथ अगर किसी तरह की विस्फोटक सामग्री से किसी को नकुसान पहुंचाया जाता है तो उस पर धारा 326 लागू होती है। जिसमें करीब दस साल की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं अगर दोनों में से किसी को एक चांटा मारता है तो इस मामले मे धारा 322 के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। जो समान रूप से दोनों पर लागू होता है।
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