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(बड़ी खबर) कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल… राज्यपाल के आदेश से सियासी हलचलें तेज…बस आज की रात…उसके बाद….

ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और इस बीच राज्यपाल ने 16 मार्च यानी सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दे दिया है।



कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार के लिए संकट कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीजेपी फ्लोर टेस्ट के लिए पूरा जोर लगा रही थी। सोमवार से ही मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही सदन में फ्लोर टेस्ट करवाया जाएगा।
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मध्यप्रदेश में बीजेपी बहुत ही कॉन्फिडेंट नजर आ रही है। बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव और डॉ. नरोत्तम मिश्र सारे हालात पर नजर रख रहे हैं। बीजेपी पहले से ही चाहती है कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराया जाए। बीजेपी का कहना है कि बजट सत्र में राज्यपाल मौजूदा सरकार के कामकाज का ब्यौरा देते हैं लेकिन जब सरकार ही अल्पमत में है तो इसका सवाल ही नहीं उठता।

आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार के 6 बागी मंत्रियों को शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने मंत्रियों का इस्तीफा मंजूर करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया। स्पीकर ने मंत्रियों को शुक्रवार को उनके सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था।

नोटिस के बाद भी कोई मंत्री स्पीकर से नहीं मिला। इसके बाद शनिवार को स्पीकर ने प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को सदन से बर्खास्त कर दिया।

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