बिलासपुर। फंड की कमी से जूझ रहे छत्तीसगढ़ की शान कहे जाने वाले कानन पेंडारी जू के 600 वन्य प्राणियों के सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है। वहीं दूसरी ओर अब तक विभागीय मद से वन्य प्राणियों के भोजन का खर्च होता रहा है, लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण फंड समय पर ही नहीं मिलता है। वर्तमान में कानन के अधीक्षक एच.बी. खान के पास वित्तीय अधिकार नहीं होने की वजह से डीएफओ स्तर से वित्तीय प्रस्ताव शासन को भेजा जाता है। हालात यह है कि पिछले माह का ही वन्य प्राणियों के भोजन का बिल चुकता नहीं हुआ है, जिसके चलते भोजन सप्लाई करने वाले ठेकेदारों ने हाथ खड़ा कर दिया है।
पूर्व रेंजर बच्चन के प्रभार सौपने के बाद ब्यवस्था के तहत वित्तीय अधिकार भी अधीक्षक को दिए जाने चाहिए थे, जो कि नहीं किया गया जिसके चलते 600 वन्य प्राणियों के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। जबकि कानन पेंडारी जू में पर्यटकों से होने वाली आय का गेट मनी ही 1 करोड़ रू. खाते में जमा है। यदि जल्द ही अधीक्षक को वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया तो वन्य प्राणियों के लिए भोजन जुटाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उच्चाधिकारियों को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।
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