
कवर्धा हिंसा मामले में BJP के प्रदेश मंत्री व जिला पंचायत सदस्य विजय शर्मा और भाजयुमो नेता कैलाश चंद्रवंशी को गुरुवार को जमानत मिल गई। जेल से शाम करीब 5 बजे बाहर आते ही समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने भारत माता की जय, हर-हर महादेव और जय श्रीराम के नारे लगाए। दोनों नेता सबसे पहले विंध्यवासिनी मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। जिला खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम के एट्रोसिटी मामले में दोनों नेता पिछले 19 दिनों से बंद थे।
अधिवक्ता पोखराज परिहार और हीरा ठाकुर ने बताया कि दोनों नेताओं के खिलाफ बलवा समेत अन्य मामले दर्ज थे। इसमें जिला कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन एट्रोसिटी के मामले में नहीं मिल रही थी। इसके बाद हाईकोर्ट में अपील की गई। वहीं जिला कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के कोरोना गाइडलाइन का हवाला देते हुए आवेदन किया गया। इस पर जिला कोर्ट ने हाईकोर्ट में लगे जमानत आवेदन को वापस लेने की बात कही।
दोपहर में आवेदन वापस लिया, शाम को जमानत मिल गई
अधिवक्ताओं ने बताया कि जिला कोर्ट के निर्देश पर दोपहर के समय ही हाईकोर्ट से जमानत आवेदन वापस ले लिया गया था। इसकी जानकारी जिला कोर्ट को दी गई। इसके बाद शाम करीब 4.30 बजे जिला कोर्ट ने विभिन्न शर्तो के आधार पर अंतरिम जमानत दे दी है। अंतरित जमानत की समय सीमा 6 जनवरी तक निर्धारित की गई है। देर शाम को ग्राम जोराताल स्थित जेल से विजय शर्मा और कैलाश चन्द्रवंशी को रिहा किया गया।
दोनों नेताओं के समर्थक जेल के बाहर उमड़े, 300 मीटर दूर रोका
जेल से शाम करीब 5 बजे दोनों नेताओं को रिहा किया गया। ग्राम जोराताल स्थित जेल के आसपास भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। इसे देखते हुए पुलिस ने हाईवे के किनारे जेल रोड पर बैरिकेड्स लगा दिए। यहां से जेल का मेन गेट 300 मीटर दूर है। इसके बाद दोनों नेता हाईवे तक आए। फिर रैली निकाल कर शहर में भीतर लाया गया। इसके बाद शहर के विंध्यवासिनी मंदिर में जाकर दोनों नेताओं ने पूजा अर्चना की। समर्थकों ने पटाखा फोड़कर स्वागत किया।
सांसद संतोष पांडेय और अभिषेक सिंह जाएंगे हाईकोर्ट
झंडा विवाद के बाद पुलिस ने राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय और पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह के पुत्र व राजनांदगांव के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के खिलाफ भी FIR दर्ज की थी। हालांकि इन दोनों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कराने दोनों नेता हाईकोर्ट जाएंगे। अधिवक्ता हीरा सिंह ठाकुर ने बताया कि जल्द ही इसे लेकर हाईकोर्ट में आवेदन किया जाएगा।
21 सितंबर को हुआ था विवाद, 23 अक्टूबर को किया सरेंडर
कवर्धा हिंसा मामले में BJP प्रदेश मंत्री विजय शर्मा सहित 5 नेताओं ने 23 अक्टूबर को कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद देर रात करीब डेढ़ बजे विजय शर्मा को रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया है। हालांकि बाद में कवर्धा जेल भेज दिया गया था। इन पर हिंसा भड़काने और लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं 21 सितंबर को खाद्य अधिकारी के ऑफिस में हुए हंगामे में एट्रोसिटी एक्ट लगा था।