लखनऊ। उत्तरप्रदेश के कुख्यात माफिया मुन्ना बजरंगी की सोमवार को बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने कहा कि सुबह 6 बजे बागपत जेल के अंदर झगड़े के दौरान मुन्ना बजरंगी को गोली मारी गई। गोली सुनील राठी ने मारी है। इसके बाद उसने हथियार को गटर में फेंक दिया। एडीजी जेल ने कहा कि ये घटना जेल की सुरक्षा में गंभीर चूक है। मामले में जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिन्दर सिंह, वार्डन माधव कुमार को निलंबित कर दिया गया है. पूरी घटना की न्यायिक जांच होगी. वहीं पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल के साथ वीडियो रिकॉर्डिंग में होगा।
उन्होंने कहा कि मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सूचित कर दिया गया है। पोस्टमॉर्टम एनएचआरसी के दिशा-निर्देशों के आधार पर भी किया जाएगा। वहीं पूरे मामले की जांच के लिए टीमें पहुंच चुकी हैं।
दरअसल सोमवार को मुन्ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी। उसे रविवार को झांसी से बागपत लाया गया था। पेशी से पहले ही जेल में उसे गोली मार दी गई। 7 लाख का इनामी बदमाश रह चुका सुपारी किलर मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या से हडक़ंप मचा है।
उधर घटना के फौरन बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, जेल में हुई हत्या बहुत गंभीर मामला है. मामले की गहराई से जांच होगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज है. मुन्ना बजरंगी पूरे यूपी की पुलिस और एसटीएफ के लिए सिरदर्द बना हुआ था. वह लखनऊ, कानपुर और मुंबई में क्राइम करता था. सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी और हफ्ता वसूलने का भी आरोप था। (एजेंसी)
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