जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है उन्हें डॉक्टर्स मीठा ना खाने की सलाह देते हैं. लेकिन जिन्हें ये समस्या नहीं है क्या उन्हें भी मीठा खाने से परहेज करना चाहिए?
डायबिटीज दो तरह की होती है. टाइप A और टाइप B. जब शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र इन्सुलिन पैदा करने वाली कोशिकाओं को खत्म कर देता है तो उसे टाइप ए, डाइबिटीज कहा जाता है. वहीं जब शरीर इन्सुलिन पैदा करने में अक्षम होती है तो उसे टाइप बी डायबिटीज की श्रेणी में रखा जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनो प्रकार की डायबिटीज का संबंध मीठा खाने से नहीं है. हालांकि टाइप बी डायबिटीज मोटापे के कारण हो सकती है. यह शरीर पर ध्यान ना देने की वजह से और जंक फूड खाने से हो सकती है. इस डायबिटीज का संबंध परोक्ष रूप से शुगर के साथ देखा गया है.
दरअसल ज्यादा शुगर के सेवन से आप मोटापे का शिकार होते हैं और बाद में डायबिटीज शायद इसीलिए लोगों को मीठा ज्यादा ना खाने की सलाह दी जाती है. कई लोगों में ये भ्रम भी होता है कि जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं वे मीठा का ही नहीं सकते हैं. बल्कि ऐसा बिल्कुल नहीं है अगर डायबिटीज की समस्या शुरुआती है तो एक बैलेंस्ड डाइट में शुगर का होना अनिवार्य है. इससे आपको शुगर की बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है. हालांकि लोगों को किसी भी तरह के प्रयोग के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. अगर आप प्रतिदिन 6 चम्मच शुगर का सेवन कर रहे हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. WHO के अनुसार शुगर की इतनी मात्रा से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है.
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