फेसबुक को एक बार फिर अपने यूजर्स से माफी मांगनी पड़ी है। वजह दुनियाभर में फेसबुक के 1.4 करोड़ यूजर्स के प्राइवेट पोस्ट सार्वजनिक हो जाने का है। इससे पहले भी कैंब्रिज एनेलिटिका कांड के बाद फेसबुक विवादों में आया था। मीडिया में आ रही रिपोट्र्स के मुताबिक, इसके पीछे सॉफ्टवेयर बग को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसके चलत यूजर्स को अपने प्राइवेट पोस्ट को भी पब्लिक करने का ऑप्शन आ रहा था। फेसबुक ने गुरुवार को खुद माना कि पिछले महीने उसके सॉफ्टवेयर में कुछ गड़बड़ी आ गई थी. इस गड़बड़ी की वजह से दुनियाभर के 14 मिलियन यूजर्स को फेसबुक पोस्ट पब्लिक करने का मैसेज गया। फेसबुक ने इस गड़बड़ी पर खेद भी जताया है।
फेसबुक के प्राइवेसी ऑफिसर ईरिन इग्न ने एक बयान में कहा कि कंपनी को अपने सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की सूचना मिली है. इस वजह से दुनिया भर के कई यूजर्स के निजी पोस्ट सार्वजनिक हो गए। ईरिन इग्न के अनुसार यह बग 18 मई से 27 मई के बीच सक्रिय था, जिसकी वजह से ये तमाम मैसेज सार्वजनिक रूप से लोगों के बीच साझा हो रहे थे। फेसबुक ने ट्विटर पर भी सफाई दी कि कोई भी प्राइवेट पोस्ट पब्लिक नहीं किया गया. सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी से यूजर तक पोस्ट को सार्वजनिक करने का सुझाव पहुंचने लगा था. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। फेसबुक ने कहा है कि इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद अपने सभी यूजर्स से अपने पोस्ट की एक बार फिर से जांच करने की अनुरोध भी किया है। एक्टिविटी लॉग में जाकर यूजर्स देखें कि क्या उनके एकाउंट से इस तरह की गड़बड़ी को दूर किया जा सका है या नहीं। ईरिन इग्न ने कहा कि हम यहां यह भी साफ कर देना चाहते हैं कि 18 मई से पहले शेयर किए गए फेसबुक पोस्ट में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं है।
कुछ महीने पहले ट्विटर ने भी अपने दुनियाभर के अपने 33 करोड़ यूजर्स से पासवर्ड बदलने को कहा था। आपको बता दें कि कैंब्रिज एनालिटिका विवाद के बाद मार्क जकरबर्ग को अमेरिकी कांग्रेस में जाकर सफाई भी देनी पड़ी थी। आपको बता दें कि फेसबुक के लगभग 87 मिलियन यूजर्स का डेटा कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा लीक कर दिया गया था। इसके बाद फेसबुक ने कई बदलाव किए और 9 अप्रैल से उन यूजर्स को नोटिफिकेशन भेजना शुरू किया है जिनका डेटा इस स्कैंडल में लीक हुआ है।
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