नई दिल्ली। भाजपा जल्द ही माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर से दूरी बनाने की योजना पर बड़ी तेजी से काम कर रही है। पार्टी लंबे समय से सरकार के कामकाज का ब्योरा पेश करने और जनता से संवाद के लिए अभी तक ट्विटर का इस्तेमाल करती रही है, लेकिन अब पार्टी नमो एप को जनता तक पहुंचने का मुख्य जरिया बनाना चाहती है।
भाजपा ने आगे कदम बढ़ाते हुए सभी नेताओं से कहा है कि चाहे छोटी सी मोर्चा की भी बैठक हो, उसका अपडेट नमो एप पर जरूर जाना चाहिए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने मोर्चा के सभी पदाधिकारियों को संदेश जारी किया है कि अगर कभी भी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों से मिलते हैं, तो अपडेट के लिए नमो एप का इस्तेमाल किया जाए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस एप में भाजपा के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के लिए कई डेडिकेटेड ग्रुप हैं, जिनमें कई ग्रुप के एडमिन तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ही हैं। यहां तक कि संसदीय बैठकों में भी प्रधानमंत्री कई सांसदों को नमो एप के इस्तेमाल और उनके मैसेजेज का जबाव देने के लिए जोर देते हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएमओ भी क्षेत्रवार भाजपा नेताओं को मिलने वाले फीडबैक पर पैनी नजर रख रहा है।
इसके पीछे एक मुख्य वजह मानी जा रही है कि मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर सभी सांसदों और विधायकों को सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने पेश करने का टास्क दिया गया है। सभी से कहा गया है कि आर्टिकल, वीडियोज और फोटोग्राफ्स के जरिए लोगों तक पहुंचा जाए। नमो एप को 50 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने फोन में इंस्टाल कर रखा है और सरकार चाहती है कि उपलब्धियां एप के जरिए भी जनता का सामने पेश हों। टास्क देने का उद्देश्य यह है कि प्रधानमंत्री जानना चाहते हैं कि कौन क्या कर रहा है और किसे कौन सा कार्य सौंपा गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री जानना चाहते हैं कि अपने क्षेत्रों में सबसे लोकप्रिय नेताओं के साथ-साथ विधायकों के प्रदर्शन पर लोग क्या प्रतिक्रिया देते हैं। ताकि आगामी चुनावों में कामकाज और लोगों की प्रतिक्रिया आधार पर टिकट बांटें जाएं। सूत्रों का कहना है कि यह चुनावी साल है और जनता को बताना है कि चार साल में सरकार ने क्या उपलब्धियां हासिल की हैं। और अगर एक पोर्टल पर ही आपको सारे आंकड़े मिल जाएं तो नेताओं को इससे अपने समर्थकों के साथ भी शेयर करने में आसानी होगी।
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