मीडिया में इन दिनों थाईलैंड के हिमाफन जंगलों में पाई जाने वाली एक विशेष प्रजाति के पेड़ों की चर्चा जोरों पर चल रही है। दरअसल इस पेड़ का नाम नैरीफन है। इस पेड़ की खासियत है यहां उगने वाली हरे रंग की चीजें, जो दिखने में बिल्कुल महिला जैसी लगती है। वैसे अब तक ये पुष्ट नहीं हो पाया है कि ये फल या सब्जी। पेड़ पर ये आकृतियां सात दिनों के लिए उगती हैं। अगर किसी ने इन्हें तोड़ा नहीं तो ये खुद पेड़ से गिरकर नष्ट हो जाते हैं। कहा जाता है कि इन फलों में जादुई शक्ति होती है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इनमें आत्मा बसती है जो नाच-गा सकती है।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक थाईलैंड में इस विचित्र पेड़ के पीछे दो मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि सदियों पहले भगवान इंद्र अपनी पत्नी और बच्चों के साथ इस जंगल में रहने आए थे। इसी जंगल में कई योगी भी तप करते थे। जप-ध्यान से उन्हें शक्तियां भी प्राप्त हो चुकी थीं, मगर वासना पर उनका काबू नहीं था। इसलिए अपनी पत्नी की रक्षा के लिए इंद्र देव ने नैरीफन के 12 पेड़ लगा दिए। जब भी इंद्र देव की पत्नी घर से बाहर निकलती थीं, इन पेड़ों पर महिला की आकृति में विचित्र चीजें अपने आप उग जाती थीं ताकि योगियों का ध्यान भटक जाए और उनकी पत्नी पर किसी की नजर ना पड़े। कहा जाता है कि इन पेड़ों पर जिस लड़की की आकृति उगती है, वह भगवान इंद्र की पत्नी से हूबहू मेल खाती है। नैरीफन पेड़ को लेकर एक और मान्यता है। थाईलैंड के निवासियों का कहना है कि इस पेड़ को भगवान बुद्ध ने हिमाफन के जंगलों में लगाया था। कहा जाता है कि जिस दिन धरती से भगवान बुद्ध के दिखाए राह पर लोग चलना बंद कर देंगे, उस दिन ये पेड़ भी लुप्त हो जाएंगे।
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