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YES BANK खाताधारकों के लिए बुुरी खबर…नहीं निकाल पाएंगे इससे ज्यादा रकम…बैंकों के बाहर लंबी कतारें..

नईदिल्ली। रिजर्व बैंक ने संकट में फंसे यस बैंक पर गुरुवार को मौद्रिक सीमा लगा दी। इसके तहत खाताधारक अब यस बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे। निकासी की यह सीमा 5 मार्च से 3 अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी। आरबीआई के इस कदम के बाद से ही पूरे देश समेत दिल्ली-एनसीआर के तमाम यस बैंक के एटीएम और बैंक शाखाओं पर लंबी कतारें लगी हैं।

तमाम ग्राहक अपना पैसा असुरक्षित होने के डर से इसे बैंक से निकालना चाहते हैं, हालांकि कही सर्वर जाम, कहीं लंबी लाइन और कहीं टोकन न मिल पाने के कारण लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।



गाजियाबाद आरडीसी स्थित यस बैंक पर ग्राहकों की भारी भीड़ लगी है। नकद निकासी के लिए ग्राहक सुबह से ही बैंक की लाइनों में लगे हैं। सुरक्षा के लिहाज से बैंक पर पुलिस भी तैनात की गई है। लोगों का आरोप है कि बैंक पैसे निकालने नहीं दे रहा है। लोगों ने बैंक कर्मचारियों पर अभद्रता का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि बैंक टोकन देकर 50 हजार रुपये तक की पेमेंट कर रहा है, लेकिन जिन लोगों को टोकन नहीं मिल पाए उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।

खाते में पांच लाख, मां के इलाज के लिए नहीं निकाल पाए पैसे घर में बीमार मां के इलाज के लिए पैसे निकालने पहुंचे एनआईटी निवासी सलीम का कहना है कि चार दिन से मां की तबीयत खराब है। आज निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाना था। इलाज के लिए सुबह बैंक से पैसे निकालने आया तो यहां लंबी लाइन से गुजरना पड़ा।


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सलीम आगे कहते हैं कि किसी तरह काउंटर पर नंबर आया तो अधिकारी ने सर्वर डाउन की बात कह कर लौटा दिया। इसके बाद बैंक में लगे एटीएम से पैसे निकालने का प्रयास किया तो गार्ड ने पैसे नहीं होने की जानकारी दी। इस कारण उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ रहा है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा यस बैंक को टेकओवर कर खाता धारकों की नकद निकासी की 50 हजार रुपए मासिक सीमा तय कर दी है। इसका असर गुरुग्राम जिले में भी देखने को मिल रहा है। जिले में यस बैंक की ब्रांच ओर एटीएम के बाहर खाताधारकों की लाइन लगी हुई है। खाताधारकों के मन मे बैंक में जमा उनकी पूंजी डूबने का डर बना हुआ है।

जिले में यस बैंक की 33 ब्रांच व 36 एटीएम हैं। बृहस्पतिवार को आरबीआई द्वारा बैंक के बोर्ड को भंग कर टेकओवर कर लिया गया। पूर्व लीड बैंक प्रबंधक ने बताया कि बैंक की वितीय हालात खराब होने के कारण आरबीआई ने यह फैसला लिया है। आरबीआई ने खाते से केवल राशि निकलने की मासिक लिमिट 50 हजार रुपए तय की है। यह केवल वितीय हालात को सुधारने के लिए किया गया है। आरबीआई के इस फैसले से लोगों के मन मे यह डर बैठ गया की बैंक में जमा उनकी राशि डूब जाएगी। इसके कारण ही खाताधारक बैंक से रुपए निकलवा रहे है।

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