नई दिल्ली। भारत सरकार अब एक ऐसी कंपनी देख रही है जो सोशल मीडिया के पोस्ट्स का विश्लेषण कर सके ताकि राष्ट्र भावना को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही, विरोधियों की तरफ से मीडिया में किए जाने वाले किसी तरह के हमले को समय रहते बेअसर किया जा सके। भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से विस्तार में किए गए ऑनलाइन पोस्ट में यह कहा गया है कि वह एक ऐसी कंपनी चाहता है जो एनालिटिकल सॉफ्टवेयर दे पाएं और कम-से-कम 20 पेशेवरों की टीम हो। इसमें कहा गया कि वे ट्वीटर, यूट्यूब, लिंक्डइन, इंटरनेट फोरम्स और यहां तक की ईमेल तक को मॉनिटर करे ताकि भावनाओं का विश्लेषण, फेक न्यूज़ की पहचान, सरकार के आधार पर सूचना का प्रसार करने, भारत की सही तस्वीर पेश करते हुए न्यूज़ और सोशल मीडिया पोस्ट्स को बढ़ावा दिया जा सके।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इंटरनेशल डेवलपमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर निकिता सूद ने कहा- आवश्यक रूप से यह हब एक मास सर्विलांस टूल होगा। उन्होंने आगे कहा भारतीय लोकतंत्र और बोलने की आज़ादी के मौलिक अधिकारों पर इसका बड़ा असर होगा जो उन्हें भारतीय संविधान की तरफ से इस बात की गारंटी दी गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में कॉल या फिर टैक्स्ट का प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई भी जवाब नहीं मिल पाया है। इसको लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक प्रवक्ता को भी फोन किया गया लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई भी जवाब नहीं दिया।
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