राजेश्वर तिवारी, जांजगीर चाम्पा। राज्य सरकार किसानों की धान खरीदी और धान को संग्रहण केंद्र में रखने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन विभागीय अधिकारी सरकार को भी चूना लगाने में पीछे नही है। ताजा मामला जांजगीर चांपा जिला का है,जहां धान खरीदी के बाद संग्रहण केंद्र से करोड़ों रुपए का धान गायब हो गया है, और अधिकारी इस गायब धान को सूखद दिखाकर शासन से रियायत देने की भी मांग कर रहे हैं। वहीं कांग्रेसियों ने इस मामले में शासन-प्रशासन को दोषी बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषियों पर कारवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
वैसे तो जांजगीर चांपा जिला को धान के सर्वाधिक उत्पादन के रुप में जाना जाता है और यहां के किसान अपनी फसल को सरकार द्वारा की जाने वाली धान खरीदी में रिकार्ड बेचा जाता है, लेकिन किसानों के धान को खरीदने के बाद उसे संग्रहण केंद्र में रखने के बाद बड़ा घोटाला सामने आया है और धान संग्रहण केंद्र से 6 करोड़ का धान गायब हो गया है।
इस मामले में कांग्रेस पदाधिकारियों ने शासन-प्रशासन के अधिकारी पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है और इस मामले में खुद विपणन अधिकारी पूर्व में धान परिवहन के साथ उसकी सुरक्षा के पर्याप्त बारदाना होने का भी दावा किए थे, लेकिन उनके दावों का पोल खुद ने ही खोल दी। 6 करोड़ रुपए के धान गायब होने के मामले में जिला विपणन अधिकारी ने राज्य शासन को पत्राचार भी कर दिया है इसमें धान सूखने का दावा भी किया है। जिला विपणन अधिकारी के मुताबिक 1 प्रतिशत सुखद शासन ने स्वीकृत किए है, लेकिन इस बार धान का सही समय में मिलर्स द्वारा उठाव नहीं करने से धान 1.25 प्रतिशत सूख गया है जबकि पूर्व में इन्ही जिला विपणन अधिकारी ने धान की सुरक्षा के लिए पर्याप्त बारदाना कैप कव्हर और आवश्यक सामग्री होने का दावा किया था और अब धान के भारी स्टाक को सुखद में जाने का दावा कर रहे हैं। जांजगीर जिला में 206 धान खरीदी केंद्र बनाए गए थे और धान के रख-रखाव के लिए 6 संग्रहण केन्द्र स्थापित किए गए, जिले में 69 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई और 38 लाख क्विंटल मिलर्स के साथ 31.10 लाख क्विंटल धान संग्रहण केन्द्र भेजे गए, जिसमें जिला विपणन अधिकारी के मुताबिक 39 हजार क्विंटल धान सूख गया। इस सूखे हुए धान की राशि 6 करोड़ के करीब है जबकि राज्य शासन 1 प्रतिशत धान की सूखने पर छूट देती है ऐसे में 1.25 प्रतिशत सूखद दिखाने का मामला जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा की धान सूख गया, चूहा खा गया या कोई और…!
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