
जगदलपुर: बस्तर जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण डेढ़ माह से साप्ताहिक हाट-बाजार बंद हैं। शहर में बाजार को छूट मिलने से अब गांवों के बाजारों को भी छूट मिलने की ग्रामीणों को उम्मीद है। प्रशासन ने अब तक साप्ताहिक हाट-बाजार को अनुमति नहीं दी है। साप्ताहिक हाट-बाजार ग्रामीणों के हर छोटी-बड़ी जरूरत को पूरा करने का एक शसक्त माध्यम है।
जिले के सातों ब्लॉक में सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग जगहों पर दर्जनों हाट बाजार लगते हैं। यहां व्यापारी वन व कृषि उपज की खरीदी करने पहुंचते हैं, साथ ही किसानों को सब्जी एवं अपने फसल क्रय-विक्रय करने में सुविधा होती है। इसके अलावा किसी भी साप्ताहिक हाट में आस-पास के दर्जनों गांव के लोग अपने सगे संबंधियों से मिलना एवं सुख-दु:ख की जानकारी आपस में बांटने का माध्यम भी है।
विदिति हो कि प्रशासन द्वारा सभी तरह के दुकानों को खोलने की अनुमति देने के बाद लोहंडीगुड़ा में लोग शुक्रवार को लगने वाला साप्ताहिक हाट-बाजार स्थल पहुंचने लगे थे, लेकिन पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों को साप्ताहिक हाट-बाजार खोलने के आदेश नही होने का हवाला देते हुए वापस लौटा दिया था। लोहण्डीगुड़ा का साप्ताहिक बाजार इस क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है, यहां दूर-दूर से लोग खरीदी-बिक्री करने पहुंचते हैं। डेढ़ माह से बस्तर जिले का साप्ताहिक हाट-बाजार बंद होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा प्रभाव पडऩे लगा है।