जगदलपुर। दक्षिण बस्तर का एक ऐसा गांव जहां के ग्रामीणों में अचेतावस्था के शिकार हो रहें हैं। इस रहस्यमयी बीमारी के चलते विगत 15 दिनों के भीतर 5 ग्रामीणों की मौत हो गई है। इससे यहां के ग्रामीण इस बीमारी को लेकर सहमे हुए हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि इस रहस्मयी बीमारी का पता लगाने स्वास्थ्य विभाग के एक दल को मौके पर भेजा गया। लेकिन यह दल अभी तक मौके पर नहीं पहुंच सके हैं। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि प्रभावित गांव तक जाने का रास्ता बहुत जर्जर है। इसलिए रास्ते से ही यह दल वापस आ गया। मामला सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के ग्राम मरईगुड़ा है जहां ग्रामीणों में अचेतावस्था के लक्षण दिखाई पड़ते हैं और सुधबुध खोकर ग्रामीण पड़ा रहता है। इसके बाद तीन से चार के घंटे के अंदर उसकी मौत भी इसी अवस्था में हो जाती है।
इससे ग्रामीणों में भारी आंतक व्याप्त है और वे झाड़ फूंक तथा सिरहा-गुनिया का आश्रय ले रहे हैं। इस बीमारी के डर से गांव से कई लोग समीपवर्ती तेलंगाना प्रदेश की ओर भी रूख कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सुकमा जिले के कोंटा विकासखेड में गांव मरईगुड़ा में इस बीमारी के लक्षण गत माह 8 तारीख से 22, 23 तक दिखे। इसके अंदर पांच मौत गांव में हुई। गत माह की 8 तारीख को एक 9 वर्ष की बालिका इस बीमारी की चपेट में आ गई। इस संबंध में सुकमा से 50 किमी दूर एर्राबोर में आए हुए ग्रामीणों ने इसकी जानकारी सुकमा में दी। इसके बाद एक चिकित्सक सहित तीन सहायकों को गत दिनों मरईगुड़ा भेजा गया। लेकिन अभी तक वे संबंधित मरईगुड़ा गांव तक ही नहीं पहुंच सके हैं। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि मरईगुड़ा जाने तक का रास्ता बहुत जर्जर है। इसलिए रास्ते से ही यह दल वापस आ गया। इससे ग्रामीणों में अत्यधिक चर्चा है और उनमें आक्रोश है।
यहाँ भी देखे – पूर्व केबिनेट मंत्री हेमचंद यादव का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन, मुख्यमंत्री ने मुक्तिधाम पहुंचकर दी श्रद्धांजलि
Add Comment