19 दिनों में रोके गए 10 बाल विवाह

जांजगीर-चांपा। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पिछले 19 दिनों के भीतर 10 बाल विवाह रोके है। कलेक्टर द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए जिले के लोगों से अपील की गई थी। वैसे भी जिले में बाल विवाह रोकने प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई कर रही है।
इसी कड़ी में जिले के कलेक्टर नीरज कुमार बंसोड़ के निर्देशानुसार एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास प्रीति खोखर, चखियार के मार्गदर्शन में एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व एवं पुलिस विभाग के सहयोग से 19 दिनों में 10 बाल विवाह रोके गए। बाल विवाह संबंधी सूचना मिलने पर जांच के बाद खैजा (नवापारा) में बालक का उम्र 19 वर्ष होने के कारण, टेमर (सक्ती) में किशोरी की उम्र 16 वर्ष पाये जाने तथा सिवनी (नैला) में लड़की की उम्र 17 वर्ष होने तथा परसाही (नाला) में किशोरी की उम्र 14 वर्ष, धौराभाठा (नवागढ़) में लड़के का उम्र 20 वर्ष 8 माह व नागपुरा में दो नाबालिग जोड़ों की उम्र सत्यापन पश्चात, ग्राम सेन्द्री पोस्ट डोंगा कोहरौद (पामगढ़) में लड़की की उम्र 17 वर्ष 11 माह 10 दिन,
खरौद (शिवरीनारायण) में दो बालिकाओं की उम्र क्रमश: 16 वर्ष 9 माह 29 दिन तथा 16 वर्ष 9 माह 25 दिन की उम्र सत्यापन पश्चात् बाल विवाह रोका गया। ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, 21 वर्ष से कम आयु के लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित करता है।
यदि कोई व्यक्ति 21 वर्ष से कम आयु का लड़के और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है तथा बाल विवाह को बढ़ावा देता है अथवा उसकी अनुमति देता है, बाल विवाह में सम्मिलित होता है को 2 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रुपए तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
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