अक्सर पुरुषों को खड़े होकर ही पेशाब करते हुए देखा जाता है. पब्लिक टॉयलेट में भी पुरुषों के लिए खड़े होकर ही पेशाब करने का विकल्प होता है. कुछ समय पहले एक एक्सपर्ट ने पुरुषों के खड़े होकर पेशाब करने को लेकर चेतावनी दी है. एक्सपर्ट का कहना है कि पुरुषों को खड़े होकर टॉयलेट करने की बजाय बैठकर करना चाहिए क्योंकि अगर आप वर्टिकल पोजिशन में पेशाब करते हैं तो इससे आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं.
नीदरलैंड्स स्थित डॉक्टर्स ने पाया कि पुरुषों के लिए बैठकर पेशाब करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, खासतौर पर उन पुरुषों के लिए जो प्रोस्टेट संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि खड़े होकर करने की बजाय बैठकर करने से पेशाब काफी ज्यादा फोर्स से निकलता है.
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आप खड़े होकर पेशाब करते हैं तो इससे आपके पेल्विस और स्पाइन के मसल्स सिकुड़ जाते हैं. साल 2014 की एक स्टडी में एक्सपर्ट ने बताया कि कई सालों से लोग बैठकर पेशाब करते आ रहे हैं. डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि जब लोग बैठते हैं तो इससे पेल्विस और हिप मसल्स रिलेक्स हो जाते हैं जिससे पेशाब करना काफी आसान हो जाता है.
यूसीएलए (UCLA) डिपार्टमेंट ऑफ यूरोलॉजी में एसोसिएट क्लिनिकल के प्रोफेसर डॉ. जेसी एन. मिल्स ने कहा कि बैठकर पेशाब करना उन लोगों के लिए भी एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है जिन्हें ज्यादा देर तक खड़े रहने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा ‘ ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें लगता है कि उनका ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं हुआ है तो वह बैठकर पेशाब करते हैं.’
डॉ. मिल्स ने एक वेबसाइट से बात करते हुए बताया कि जब आप बैठते हैं तो आप अपने पेट की मसल्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. इस तरह से बैठकर पेशब करने से आपका ब्लैडर पूरी तरह से खाली हो जाता है. हालांकि रिसर्च का यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि हर किसी को पेशाब करते समय बैठना जरूरी है. अगर आपको लगता है कि पेशाब करने के बाद आपका ब्लैडर पूरी तरह से खाली हो जाता है तो आप खड़े होकर भी यूरिन पास कर सकते हैं. लेकिन अगर आपको अपना ब्लैडर हमेशा भरा हुआ महसूस होता है तो इसके लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
एक प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ कंसल्टेंट प्रो स्टर्गियोस स्टेलियोस डौमोच्सिस ने पहले कहा था कि अगर आपका ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हो पा रहा है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं.
अगर आपका ब्लैडर ठीक से खाली नहीं हो रहा है तो यह यूरिन के ठहराव का कारण बन सकता है (जिसे यूरिनरी रिटेंशन के नाम भी कहा जाता है) और इसके कारण इंफेक्शन या ब्लैडर की पथरी हो सकती है. इंफेक्शन से सेप्सिस, या किडनी में इंफेक्शन हो सकता है.अक्सर आपको भी ब्लैडर खाली ना होने के लक्षण नजर आते हैं तो जरूरी है कि आप डॉक्टर को जरूर दिखाएं. इसके लक्षणों में शामिल हैं- यूरिन की धार काफी स्लो होना, पेशाब करने के लिए दबाव, रुक-रुक कर पेशाब आना और पेशाब करने में समय लगना .
रिस्क फेक्टर
NHS का कहना है कि अगर आपको भी ब्लैडर पूरी तरह खाली ना हो पाने की समस्या का सामना करना पड़ता है तो इससे ब्लैडर में स्टोन की दिक्कत हो सकती है. एक्सपर्ट्स ने समझाया कि किडनी यूरिन बनाने का काम करती हैं. यह पानी और अपशिष्ट चीजों से मिलकर बना होता है जिसे किडनी आपके ब्लड से अलग करती है. अपशिष्ट उत्पादों में से एक यूरिया है जो नाइट्रोजन और कार्बन से बनता है. अगर आपके ब्लैडर में थोड़ा सा भी यूरिन बचता है तो यूरिया में मौजूद केमिकल्स एक साथ चिपककर क्रिस्टल बन जाते हैं. समय के साथ, ये क्रिस्टल कठोर हो जाते हैं जिसकी वजह से ब्लैडर में स्टोन बनने लगते हैं.
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