
आज पौष पूर्णिमा व्रत है और हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है. पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है.
पौष पूर्णिमा का महत्व- वैदिक ज्योतिष के अनुसार पौष सूर्य देव का माह कहलाता है. कहा जाता है कि इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, सूर्य देव को अर्घ्य देने और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. पौष पूर्णिमा के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों की आराधना की जाती है. आज के दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में कोई बाधा नहीं आती है.
पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि- पौष पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें. पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें. स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. स्नान से करने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए. इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें.