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ड्रग्स से दूरी, पर शराब पीने की मिल सकती है मंजूरी?…कांग्रेस का दिखेगा अलग अंदाज, राहुल हैं वजह!

रायपुर: कांग्रेस बदलते समय के साथ सामंजस्य बिठाने की योजना बना रही है. नया रायपुर महाअधिवेशन में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई है और जो बदलाव होने वाले हैं, उनमें नए सदस्यों को दिलाई जाने वाली सात शपथों में से भी एक है. कांग्रेस के संविधान के क्लॉज वी (बी) (सी) के अनुसार, अब तक जो कोई भी पार्टी का सदस्य बनना चाहता है, उसे यह सुनिश्चित करना होता है कि वह ‘मादक पेय और नशीले पदार्थों (Abstains from Alcoholic Drinks and Intoxicants) से दूर रहे.’ लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है. ‘अल्कोहलिक’ शब्द की जगह ‘नशीले पदार्थ और मन:प्रभावी पदार्थ’ (Intoxicants and Psychotropic Substances) शब्द का प्रयोग किया गया है.

लेकिन इसमें अस्पष्टता है, क्योंकि ‘अल्कोहलिक’ शब्द को विशेष रूप से हटा दिया गया है, लेकिन ‘इंटॉक्सीकेंट’ में अल्कोहल भी शामिल हो सकता है. लेकिन राहुल गांधी ‘अल्कोहल’ शब्द को हटाने के इच्छुक थे, क्योंकि उन्हें लगा कि यह यथार्थवादी नहीं होगा. क्योंकि कई सदस्य शराब पीते हैं और फिर उनकी सदस्यता पर सवाल उठाए जा सकते हैं. यह ड्रग्स पर कांग्रेस की लड़ाई है, क्योंकि यह किसी भी नए सदस्य के लिए आवश्यक शर्तों में से एक होगी. इसका मतलब है कि नए सदस्यों को या तो डोप टेस्ट कराना होगा या फिर लैब से क्लीन चिट लेनी होगी कि वे ड्रग्स का सेवन नहीं करते.

अल्कोहल’ शब्द हटाने के फैसले के पीछे कारण
इसके दो कारण हैं. एक, राहुल गांधी, जब से वह 2014 में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए और पार्टी की बैठकों में भाग लेने लगे, उन्होंने यह बात रखी कि पार्टी को यथार्थवादी होना चाहिए और समय के साथ चलना चाहिए. उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया कि अधिकांश सदस्य शराब पीते हैं और पार्टी में नए सदस्यों के प्रवेश को रोकने के लिए इसे एक कारण के रूप में उपयोग करना अव्यावहारिक होगा. दूसरा, कांग्रेस खुद को एक ऐसी पार्टी के रूप में पेश करना चाहती है, युवाओं के साथ जुड़ाव महसूस करती है.

ड्रग्स और मन:प्रभावी पदार्थों के खिलाफ कांग्रेस का स्टैंड यह संदेश देता है कि पार्टी युवाओं, खासकर बेरोजगारों को प्रभावित करने वाले ड्रग्स संबंधी मुद्दों के खिलाफ अभियान छेड़ती है. नए सदस्यों द्वारा ली जाने वाली अन्य शपथों में खादी पहनना और धर्मनिरपेक्ष होना शामिल है. इसे देखने का दूसरा तरीका है- क्या राहुल गांधी के सुझाव को कांग्रेस के संविधान में शामिल करने का मतलब यह है कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद वाली कांग्रेस पर उनकी और उनके सोच की छाप दिखाई देगी?

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