भिलाई इस्पात संयंत्र के 2600 सहित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के लगभग साढ़े दस हजार कर्मियों को परफॉर्मेंस रिलेटेड पे (पीआरपी) की पहली किस्त 25 प्रतिशत का भुगतान कर दिया गया है। जबकि कर्मचारी (नॉन एक्जीक्यूटिव) अब तक वेज रिवीजन के 39 महीने के एरियर के लिए अब तक एनजेसीएस की सब कमेटी की बैठक का इंतजार कर रहे हैं। हाउस रेट एलाउंस और रात्रि पाली भत्ता में वृद्धि के संबंध में भी अब तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। अफसरों को पीआरपी मिलने से जहां कर्मियों की भी उम्मीदें जगी है, वहीं प्रबंधन की लेटलतीफी से उनमें गुस्सा भी है।
सेल के अधिकारियों को 1 मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 के लिए पीआरपी देय थी। पूरे सेल में लगभग 10,800 नियमित और लगभग 300 सेवानिवृत्त अधिकारियों को 344 करोड़ रुपए भुगतान किया जाना था। पहली किस्त के रूप में एक चौथाई रकम खाते मे भेज भी दी गई है। इसके अंतर्गत कनिष्ठ से वरिष्ठ महाप्रबंधक स्तर के अधिकारियों को 65 हजार से लेकर लगभग 2.40 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इससे अफसर बेहद खुश हैं। दूसरी ओर वेतनमान का एरियर और भत्तों को लेकर बैठक नहीं बुलाए जाने से कर्मियों में निराशा है।
कर्मियों के ये मुद्दे अब तक लटके हैं
1. वेतनमान का एरियर- कर्मियों का 1 जनवरी 2017 से लंबित वेतन समझौता अक्टूबर 2021 को हुआ। प्रबंधन ने 1 अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2021 तक का एरियर (नए वेतनमान के अंतर की राशि) का भुगतान कर दिया है। 1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2020 तक 39 महीने की राशि पर एनजेसीएस की सब कमेटी की बैठक में फैसला होना है। कमेटी की बैठक ही नहीं बुलाई जा रही है।
2. हाउस रेंट एलाउंस- 14 जून 2010 को हुए वेतन समझौते (वर्ष 2007-2016 तक) में संशोधित वेतनमान का 20 प्रतिशत हाउस रेंट एलाउंस देना तय हुआ था। इसके बाद अब तक दो बार और वेतन समझौता हो गया, लेकिन आज भी कर्मियों को उस समय के बेसिक पर ही एचआरए मिल रहा। जबकि सेल कॉर्पोरेट ऑफिस, ब्रांच सेल ऑफिस और मार्केटिंग ऑफिस के कर्मियों को नए वेतनमान पर एचआरए मिल रहा है।
3. इंसेंटिव स्कीम- बीएसपी कर्मियों को आज भी 26 साल पुरानी 1997 में तय इंसेंटिव स्कीम के तहत 3218 रुपए (फाइनल पोटेंशियल) इंसेंटिव मिल रहा है। कर्मियों के असंतोष को दबाने डेली रिवार्ड स्कीम लेकर आई। लेकिन यह योजना छह साल पहले 2017 में बंद कर दी गई। अब कर्मचारी बढ़े हुए बेसिक के आधार पर इंसेंटिव चाहते हैं। वैसे भी कोई भी इंसेंटिव वेतन का 20 फीसदी होना चाहिए। अभी औसतन महज 2 फीसदी मिल रहा है।
4. नाइट शिफ्ट एलाउंस- बीएसपी कर्मचारियों को अभी 90 रुपए नाइट शिफ्ट एलाउंस मिल रहा है। कर्मचारी में इसमें 500 रुपए तक वृद्धि चाहते हैं। एनजेसीएस की सब कमेटी की बैठक में इस पर भी विचार होना है, लेकिन प्रबंधन कमेटी की बैठक ही नहीं बुला रहा है। इसे लेकर कई दौर की बैठकें हो चुकीं, ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है।
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