इस समय अगर आप भारत में एक सस्ती कार खरीदने निकलेंगे, तो इसके लिए आपके पास कम से कम 4-5 लाख रुपये होने चाहिए. जिन लोगों का बजट उनकी पसंद की कार जितना नहीं होगा, उनके लिए कार लोन (Car Loan) की सुविधा उपलब्ध है. अब तो आप घर बैठे भी कार लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. लेकिन कार चोरी होने की घटनाएं भी आम है. ऐसे में अगर आपकी वह कार चोरी हो जाए, जिसपर लोन लिया गया था. उस स्थिति में लोन लेने वाले व्यक्ति को EMI चुकानी पड़ेगी या फिर उसे EMI से छुटकारा मिल जाएगा? यह सवाल बहुत लोगों के मन में होता है.
क्या होगा EMI का?
इस सवाल का जवाब है- हां! आपको तब भी बैंक को लोन का पैसा चुकाना होगा. दरअसल, बैंक आपको कार खरीदने के लिए पैसे उधार देता है. इसलिए, इस बात की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होती कि आपकी कार चोरी हुई या नहीं. अगर आपकी कार चोरी हो भी जाती है, तब भी आपको पूरा लोन चुकाना होगा. लेकिन इस स्थिति में आपके काम एक दूसरा तरीका आ सकता है.
काम आएगा यह तरीका!
ऐसी स्थिति में आपके काम कार इंश्योरेंस (Car Insurance) आएगा. अगर आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी में चोरी कवर होती है, तब आप चोरी का क्लेम ले सकते हैं. ऐसे में इंश्योरेंस कंपनी कार की IDV (Insured Declared Value) के आधार पर पेमेंट कर देगी. अगर आपकी कार लोन पर ली गई है, तब यह पैसे बैंक को दिया जाएगा. अगर लोन चुकाने के बाद भी क्लेम का पैसा बचता है तो वह आपको मिल जाएगा.
कैसे पता लगता है कार लोन पर है या नहीं?
इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है कि कोई कार लोन पर है या नहीं. अगर आप किसी कार पर लोन लेते हैं तो उसकी आरसी पर लोन देने वाले बैंक का नाम दर्ज होता है.
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