बच्चों में अच्छाई या बुराई का होना उनकी अपनी गलती नहीं होती, बल्कि इसकी बड़ी वजह उनके माता पिता द्वारा उनके साथ किया जा रहा बर्ताव को कहा जा सकता है. हालांकि ये गलतियां शायद माता पिता भी जानबूझ कर नहीं करते और कई बार उनके बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए ही वे अंजाने में कुछ ऐसी चीजें करने लगते हैं या कुछ ऐसा बिहेव करने लगते हैं जो शायद उनके बच्चों के पर्सनैलिटी पर गलत असर डालने लगता है. पैरेंट्स डॉट कॉम के मुताबिक, माता पिता के लिए बच्चों की परवरिश में सबसे कठिन चीजों में से एक है बच्चों से किस तरह बात की जाए. यह सुनने में काफी सिंपल लग सकता है लेकिन माता पिता का उनके बच्चों के साथ व्यवहार बच्चों की मानसिकता पर काफी अधिक डालता है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि बच्चों की बेहतर पर्सनैलिटी के निर्माण के लिए आपको बच्चों के साथ किस तरह की बातें करनी चाहिए और कौन सी अच्छी बातें भी उनके पर्सनैलिटी पर असर डाल सकती हैं.
हर वक्त न गिराएं मनोबल: ऐसी बातें यह मैसेज देती हैं कि प्रैक्टिस करना कितना जरूरी है, लेकिन इसका बच्चे पर यह असर पड़ता है कि उसने जितना मेहनत किया वो पर्याप्त नहीं था. ऐसे में आप उसे हार्ड वर्क के लिए प्रेरित करें.
आर यू ओके: अगर आपका बच्चा किसी बात को लेकर परेशान है या आपके सामने रो रहा है तो उसे ‘आर यू ओके’ बोलना और भी परेशान कर सकता है. बेहतर होगा कि आप उसे गले लगाएं और महसूस कराएं कि आप उसके हालात को समझ रहे हैं. ऐसे में आप उसे यह बोल सकते हैं कि ‘मैं समझ सकता हूं कि तुम कितना कुछ सहे होंगे’.
जल्दी काम कराने की बात: बच्चों को कभी ये ना करें कि जल्दी करो. इसके बदले आप कह सकते हैं कि चलो जल्दी करें. ऐसा करने से उसे महसूस होगा कि आप एक टीम हैं.
हम नहीं खरीद सकते: ऐसा बोलना बच्चे के लिए मेंटल ट्रामा हो सकता है. इसके बदले अगर आप उसे बताएं कि चलो इसके लिए हम पैसे जमा करेंगे, तो ये उसके लिए मनी मैनेजमेंट करने का एक तरीका हो सकता है.
हर वक्त संभलने की सलाह: अगर आप भी रोड पर चलते वक्त अपने बच्चे को बार बार बीकेयरफुल या सम्हलकर बोलते रहते हैं तो ये बातें उसे डिस्ट्रैक्ट कर सकती हैं. अगर आप कॉन्शस हो रहे हैं या आप डर रहे हैं तो आगे बढ़कर उन्हें चुपचाप हाथ से दबाकर या खिसका सकते हैं.
Add Comment