ठंड के मौसम में कंपकंपी लगना काफी कॉमन है. एक्सपर्ट बताते हैं कि कंपकंपी केवल ठंड के ही कारण हो यह जरूरी नहीं, इसके कई कारण भी हो सकते हैं. जब शरीर के अंदर का तापमान गिरने लगता है तब कंपकंपी आती है जिससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है. जिस तरह खांसी, हिचकी, छींक बिना मर्जी के आती है, उसी तरह कंपकंपी भी बिना इच्छा (अनैच्छिक क्रिया) के आती है. कई लोगों को यूरिन के दौरान या यूरिन करने बाद कंपकंपी आती है. इस क्रिया को पोस्ट-मिक्चरिशन कन्वल्सन सिंड्रोम (Post-micturition convulsion syndrome) कहा जाता है. ऐसा क्यों होता है, इसके लिए कोई ठोस सबूत तो नहीं हैं लेकिन कुछ एक्सपर्ट ने पेशाब के दौरान आने वाली कंपकंपी को डिटेल में समझाने की कोशिश की है.
किन लोगों को यूरिन के समय ठंड लगती है?
कंपकंफी सिर्फ ठंड के ही कारण हो ऐसा नहीं है. बीमारी, डर, परेशानी या उत्तेजित होने पर भी कंपकंपी आ सकती है. यूरिन करते समय कंपकंपी किसी को भी आ सकती है. जब छोटे बच्चों के डाइपर बदले जाते हैं तो कई बार आपने बच्चे को कांपते हुए देखा होगा. एक्सपर्ट का मानना है कि यूरिन करते समय कंपकंपी आने का उम्र से कोई संबंध नहीं है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पेशाब करते समय कंपन महसूस हो सकती है. हालांकि, यह इस बात पर भी निर्भर करती है कि कंपकंपी की सीमा कितनी है. कई बार कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में अधिक कंपकंपी का अनुभव हो सकता है. यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों के साथ अधिक होता है लेकिन इस बात को साबित करने के लिए कोई रिसर्च नहीं है. कंपकंपी के संभावित कारण ये माने जाते हैं.
संभावित कारण: तापमान में गिरावट से कंपकंपी
Healthline के मुताबिक, शरीर के ग्रोइन एरिया (अंडरवियर के नीचे का हिस्सा) के तापमान में अचानक बदलाव होने से कुछ लोगों को यूरिन के दौरान कंपकंपी महसूस होती है. दरअसल, जब आप यूरिन के लिए अंडरगारमेंट्स निकालते हैं तो प्राइवेट पार्ट में हवा लगती है और कंपकंपी आ जाती है. क्योंकि अंडरगारमेंट प्राइवेट पार्ट को गर्म रखा हुआ होता है. इससे आपको ठंड लग सकती है. अचानक कंपकंपी आने से शरीर का तापमान अचानक से बढ़ सकता है.
कुछ तथ्य यह भी बताते हैं कि शरीर से गर्म यूरिन निकलने से शरीर का तापमान कम होने लगता है. तापमान को बढ़ाने के लिए शरीर में अनैच्छिक क्रिया कंपकंपी होती है.
संभावित कारण: ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (ANS) और पेरिफेरल नर्वस सिस्टम के सिग्नल मिक्स होना
Livescience के मुताबिक, नर्वस सिस्टम दो प्रकार का होता है. सेंट्रल नर्वस सिस्टम (CNS) और पेरिफेरल नर्वस सिस्टम (PNS). सेट्रल नर्वस सिस्टम ब्रेन और रीढ़ को कंट्रोल करता है. पेरिफेरल नर्वस सिस्टम सिग्नल लाने और सिग्नल ले जाने का कारण करता है. पेरिफेरल नर्वस सिस्टम का ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (ANS) बिना मर्जी से होने वाली क्रियाओं को नियंत्रित करता है.
मेपल होलिस्टिक्स के हेल्थ और वेलनेस एक्सपर्ट कालेब बैक (Caleb Backe) के अनुसार, यूरिनेशन में नर्वस सिस्टम काफी अहम भूमिका निभाते हैं. ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम (ANS) को दो भागों में बांटा गया है. सिंपेथिक नर्वस सिस्टम और पैरासिम्पेथेटिक सिस्टम. सिंपेथिक नर्वस सिस्टम जगाने का काम करता है और पैरासिम्पेथेटिक सिस्टम सुलाने या आराम देने का काम करता है. जब आपका ब्लैडर यूरिन से भर जाता है तो यह रीढ़ की हड्डी में नसों को एक्टिव करता है, जिसे सेक्रल नर्व (Sacral nerves) कहा जाता है. यह पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को एक्टिव करता है और इससे ब्लैडर की दीवार यूरिन को शरीर से बाहर धकेलने के लिए रेडी हो जाती है.
कालेब बैक ने आगे बताया, जब यूरिन शरीर से बाहर निकलती है तो ब्लडप्रेशर कम हो जाता है. ऐसे में सिंपेथिक नर्वस सिस्टम ब्लडप्रेशर को सही करने के लिए कैटेकोलामाइंस नामक न्यूरोट्रांसमीटर शरीर में रिलीज कर देता है. यह नर्वस सिस्टम के बीच दो मिक्स सिग्नल बनाता है और कंपकंपी आने लगती है. पुरुष आमतौर पर खड़े होकर यूरिन करते हैं इसलिए यूरिन करने के दौरान ब्लड प्रेशर ज्यादा कम हो जाता है और अधिक कैटेकोलामाइंस रिलीज होने से अधिक कंपकंपी होती है.
लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
इस बारे में कोई भी ठोस सबूत के साथ नहीं कह सकता कि यूरिन करने के दौरान कंपकंपी क्यों होती है? हां, कुछ रिपोर्ट में जो जानकारी है, वह आपको ऊपर बताई गई है. यूरिन के दौरान कंपकंपी होने को पोस्ट-मिक्चरिशन कनवल्शन सिंड्रोम स्थिति कहा तो गया है लेकिन इस पर भी अभी वैज्ञानिक तथ्य नहीं हैं. इस पर अभी रिसर्च की जरूरत है.
एक्सपर्ट का मानना है कि पेशाब के दौरान कंपकंपी होना सामान्य है और इससे कोई नुकसान नहीं होता. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पेशाब के दौरान दिखने वाले अन्य लक्षणों को भी नजर अंदाज कर देना चाहिए. अगर आपको पेशाब के दौरान कोई अन्य लक्षण महसूस हों तो डॉक्टर से मिलें.
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