दुनियाभर में लगभग 50 फीसदी लोगों को सिर दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है. कुछ सिर के दर्द काफी मामूली होते हैं जिन्हें घरेलू उपायों की मदद से ठीक किया जा सकता है लेकिन कुछ सिर के दर्द ऐसे होते हैं जिन्हें ठीक करने के लिए मेडिकल केयर की जरूरत पड़ती है. अगर सिर में दर्द के साथ ही आपको धुंधला दिखना या जी मिचलाना जैसे लक्षण नजर आते हैं तो आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए. अगर किसी व्यक्ति को एक ओर अचानक से बहुत तेज सिरदर्द और कमजोरी होती है तो उसे तुरंत इमरजेंसी केयर की जरूरत होती है.
अगर आपके भी सिर के बाईं तरफ दर्द रहता है तो आइए जानते हैं क्या हैं इसके लक्षण, कारण और ट्रीटमेंट.
कितने टाइप का होता है सिरदर्द
कुछ तरह का सिरदर्द बाईं साइड होता है जिसमें माइग्रेन, क्लस्टर सिरदर्द शामिल हैं. आमतौर पर, डॉक्टर सिरदर्द को दो तरह के क्लासिफाई करते हैं प्राइमरी और सेकेंडरी. प्राइमरी सिरदर्द में दर्द ही मुख्य लक्षण होता है. और सेकेंडरी सिरदर्द किसी अन्य कारण के हो सकता है जैसे-
ब्रेन ट्यूमर
स्ट्रोक
और इंफेक्शन
इसमें सिरदर्द बाईं साइड समेत सिर के किसी भी हिस्से में हो सकता है.
माइग्रेन से होने वाला सिरदर्द- माइग्रेन के कारण बाईं ओर मध्यम से गंभीर सिरदर्द हो सकता है.
माइग्रेन की वजह से होने वाला सिरदर्द , सिर के बाईं तरफ होता है. यह कम या कई बार काफी ज्यादा हो सकता है. माइग्रेन की वजह से होने वाला सिरदर्द आंखों तक और पूरे सिर में फैल सकता है. माइग्रेन के लक्षणों में ये हैं शामिल-
दृष्टि में परिवर्तन
जी मिचलाना और उल्टी
चक्कर आना
लाइट,टॉर्च की रोशनी के प्रति बहुत ज्यादा सेंसिटिव होना
क्लस्टर सिरदर्द- क्लस्टर सिरदर्द के कारण सिर के एक हिस्से या आंखों के आसपास काफी तेज दर्द होता है. क्लस्टर सिरदर्द होने पर बहुत अधिक जलन का एहसास भी होता है. क्लस्टर सिरदर्द कई बार सिर के एक ही हिस्से में बार-बार हो सकता है. इसमें होने वाला गंभीर दर्द 30 से 60 मिनट तक रह सकता है. क्लस्टर सिरदर्द के लक्षणों में ये हैं शामिल-
नाक बहना या ब्लॉक होना
आइलिड्स का गिरना
एक आंख में पानी आना या लाल दिखना
चेहरे पर पसीना आना
सवाईकोजेनिक सिरदर्द- इस प्रकार का सिरदर्द गर्दन में चोट लगने के कारण हो सकता है. सवाईकोजेनिक सिरदर्द गर्दन के किसी भी हिस्से से शुरू होकर सिर तक जाता है. सवाईकोजेनिक सिरदर्द होने पर आपको हल्का दर्द और डल फीलिंग का एहसास होता है. लेकिन कई बार यह दर्द काफी ज्यादा इंटेंस भी हो सकता है. यह दर्द गर्दन, सिर और चेहरे की एक तरफ होता है. सवाईकोजेनिक सिरदर्द के लक्षण अलग-अलग व्यक्तियों में अलग नजर आ सकते हैं.
वास्कुलिटिस- यह एक ऐसी बीमारी है जो आपकी रक्त वाहिकाओं , धमनियों और कोशिकाओं को प्रभावित करती है. यह बीमारी किसी भी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकती है. इस बीमारी के कारण सिर में मौजूद रक्त वाहिकाओं पर काफी बुरा असर पड़ता है. यह बीमारी ज्यादातर पर 50 साल से ज्यादा आयु के लोगों में पाई जाती है. वास्कुलिटिस के कारण सिर में होने वाला दर्द काफी इंटेंस होता है. यह सिरदर्द 1 मिनट से 5 मिनट तक हो सकता है. वास्कुलिटिस के लक्षणों में ये हैं शामिल-
आंखों की रोशनी खोना, सिर के एक साइड में दर्द होना, कुछ चबाते समय दर्द.
वास्कुलिटिस का समय पर इलाज ना करने से आपकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खो सकती है.
डॉक्टर को कब दिखाएं
अगर आपके सिर में होने वाला दर्द काफी तेज है और लगातार हो रहा है साथ ही अगर आपको ये लक्षण भी नजर आ रहे हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ये हैं वो लक्षण-
आंखों की रोशनी धुंधली पड़ना, बुखार आना, पसीना, उल्टी, शरीर के एक हिस्से में कमजोरी महसूस होना.
इन परिस्थितियों में भी करें डॉक्टर से संपर्क
50 साल की उम्र के बाद सिरदर्द की समस्या शुरू होने पर
सिरदर्द के पैटर्न में बदलाव होने पर
सिरदर्द लगातार बद्दतर होते रहना
किसी व्यक्ति के मेंटल फंक्शन और पर्सनैलिटी में बदलाव होने पर
सिरदर्द के चलते अपने रोजाना के काम ना कर पाना
ट्रीटमेंट और बचाव-
कई बार लोग दवाई खाकर सिरदर्द की समस्या से छुटकारा पा लेते हैं. लेकिन कुछ चीजें करने से आप बार-बार होने वाले सिरदर्द को रोक सकते हैं जैसे
स्ट्रेस से दूर रहें
भरपूर नींद लें
ऐसी चीजें कै सेवन ना करें जिससे आपका सिरदर्द ट्रिगर हो सकता है
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