मॉनसून का मौसम शुरू होते ही कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है जिसमें से एक है टाइफाइड. फिलहाल तेंलगाना में टाइफाइड ने कोहराम मचाया हुआ है और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने फेमस स्ट्रीट फूड पानी पूरी को जिम्मेदार ठहराया है. मई में, तेलंगाना में टाइफाइड के 2,700 मामले सामने आए थे. वहीं, जून में 2752 केस सामने आए.
पब्लिक हेल्थ के निदेशक डॉ जी श्रीनिवास राव ने टाइफाइड को “पानी पूरी डिजीज” कहा है. ऐसे में सरकार मानसून के दौरान लोगों को स्ट्रीट फूड खासकर पानी पूरी से दूर रहने की सलाह दे रही है. डॉ राव ने यह भी कहा कि पानी पूरी बेचने वाले दुकानदारों को स्वच्छता सुनिश्चित करनी चाहिए और सिर्फ साफ पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
दूषित पानी, खाना और मच्छर मौसमी बीमारियों जैसे मलेरिया, डायरिया और वायरल फीवर के मुख्य कारण हैं. तेलंगाना में डायरिया के 6,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और डेंगू के मामलों में भी तेजी देखी जा रही है.
टाइफाइड के लक्षण
टाइफाइड फीवर एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो दूषित खाना या पानी से साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है. शुरुआती स्टेज में, टाइफाइड के लक्षणों में लंबे समय तक तेज बुखार, पेट में तेज दर्द, सिरदर्द, दस्त या कब्ज और भूख कम लगना शामिल हैं. अगर इसका समय पर ट्रीटमेंट ना किया गया तो इसके लक्षण बिगड़ सकते हैं और इससे आपको खून में उल्टी, अंदरूनी ब्लीडिंग और स्किन पीली पड़ने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.
मॉनसून में होने वाली बीमारियां
भारत में अभी मॉनसून की शुरुआत हुई ही है. ऐसे में इस दौरान गंदा पानी और भोजन की वजह से टाइफाइड और पीलिया जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, इस मौसम में मच्छरों से जुड़ी बीमारियां भी फैलती हैं जिससे आपको डेंगू और मलेरिया जैसा बीमारियां भी हो सकती हैं. तो जानते हैं कैसे करें इन बीमारियों से अपना बचाव.
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